संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी। मुंगेली जिले के जनपद पंचायत लोरमी की सीईओ प्रीति पवार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. उन पर लॉकडाउन के दौरान कोविड राहत कोष मद 2020 में 5 लाख रुपए का फर्जी बिल लगाने का आरोप है. यह आरोप कोई और नहीं बल्कि सत्ता में बैठे कांग्रेस के जिला महामंत्री लखन कश्यप ने लगाया है. उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों का किराया और खाने के नाम पर मेडम ने 5 लाख का फर्जी बिल लगाया है. मुंगेली कलेक्टर अजीत वसंत से इसकी लिखित शिकायत कर जल्द ही निष्पक्ष जांच के बाद उचित कार्रवाई की मांग की है.

जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री लखन कश्यप ने शिकायत में बताया है कि प्रवासी मजदूरों के आवागमन के लिए गाड़ी किराया किया गया था. जिसमें बाजार रेट से दोगुना अधिक बिल लगाया गया है. आरोप है कि पिकअप वाहन का किराया बाजार मूल्य 15 रुपए प्रति किमी है, जबकि 30 रुपए प्रति किमी का बिल लगाकर 5 लाख 6 हजार 460 रुपए कई फर्मों के नाम पर राशि आहरण कर लिया गया है.

इतना ही नहीं प्रवासी मजदूरों के लिए जो गाड़ी किराए में लगाया गया था, उसके बिल बाउचर में एक ही दिन में तीन से चार दफा एक ही गांव में आना जाना बताया गया है. साथ ही प्रवासी मजदूरों को खाना खिलाकर गांव पहुंचाने की व्यवस्था थी. इसके तहत खाना आपूर्ति के लिए एसएचजी भोजनालय ग्राम चंदली के समूह संचालक को 30 रुपए प्रति पैकेट के दर पर भोजन संचालन का ठेका दिया गया था. इसमें भी पैकेट का बिल बढ़ाकर राशि बंदरबाट किया गया है.

इस मामले में शिकायतकर्ता ने सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के निरीक्षण मुताबिक बताया कि सीईओ ने राशन सामग्री और हरी सब्जी खरीदने का बिल लगाकर 2 लाख 46 हजार 93 रुपए आहरित किया है. जबकि इनके द्वारा सामग्री कहां पर वितरित किया गया है इसकी जानकारी अप्राप्त है. आरोप यह भी है कि शासन से प्राप्त लगभग 16 लाख रुपए में 5 लाख से अधिक राशि आहरण कर भ्रष्टाचार किया गया है.

कलेक्टर अजीत वसंत से इसकी शिकायत कर 15 दिनों के भीतर जांच टीम गठित कर उचित कार्रवाई करने की मांग की गई है. समयावधि के भीतर जांच के बाद दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो इस मामले की शिकायत प्रदेश के मुखिया के समक्ष करने की बात कही है. इस मामले में लोरमी विधानसभा के पूर्व बीजेपी विधायक तोखन साहू ने आरोप लगाते हुए कहा कि भूपेश बघेल की अकर्मण्यता वाली सरकार में उनके ही दल के लोगों की सुनवाई नहीं हो रही है. अगर उनके दल के लोग ही शिकायत कर रहे है, तो उसकी जांच तो होनी चाहिए. शिकायत पर सरकार जांच ही नहीं करना चाहती. ये सरकारी नुमाइंदे पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है.

इस मामले में तात्कालिक सीईओ प्रीति पवार ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जिला के लोरमी ब्लॉक में सबसे अधिक 16 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूर आए हैं. इस बीच शासन की गाइडलाइन के अनुसार ही काम किया गया है. अपनी इक्षा से काम नहीं किया गया है. अगर मैं गलत होती तो आरटीआई में जानकारी ही क्यों देती ?

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