रायपुर। कोरोना और लॉकडाउन के बाद देश में आत्मनिर्भर भारत के तहत लोकल फॉर वोकल अभियान ने जन्म लिया. भारत के साथ छत्तीसगढ़ में भी लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद ने रफ्तार पकड़ ली. लोकल फॉर वोकल के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए आज राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जा रहा है.

राजधानी रायपुर के मैग्नेटो मॉल में नाबार्ड की ओर से प्रदर्शनी लगाई गई है. इस प्रदर्शनी में हाथ से बनी हुई मनमोहक वस्तुओं का अंबार लगा हुआ है, जिसका शुभारंभ नाबार्ड के चीफ जनरल मैनेजर डी रविंद्र के हाथों हुआ. चीफ जनरल मैनेजर डी रविंद्र ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की व्यवस्था को मजबूत करने के लिए नाबार्ड की भूमिका बेहतर रही है.

चीफ जनरल मैनेजर डी रविंद्र ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वतंत्रता के बाद भी हथकरघा उद्योग को बढ़ावा दिए जाने का कार्यक्रम सरकार ने चलाया था, लेकिन कुछ कारणों से विकास के कार्य आगे ना बढ़ सके. इन रूके हुए विकास कार्यों को गति देने के लिए नाबार्ड ने हाथ बढ़ाया और पिछले कुछ समय से भारत और राज्य सरकार ने इस सेक्टर पर फोकस करना शुरू किया.

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर नाबार्ड द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर प्रोग्राम चलाया जा रहा है. विभिन्न जिलों से हैंडलूम सेक्टर के कारीगर अपने हाथ से बनाए हुए वस्तुओं का प्रदर्शन कर रहे है. यह प्रोग्राम 4 दिन का है रायपुर वासियों से अनुरोध है कि इस कार्यक्रम में भाग लेकर कारीगरों का हौसला आफजाई करें.

बता दें कि इस प्रदर्शनी का आयोजन 7 से 10 अगस्त तक किया गया है. प्रदर्शनी का उद्देश्य भारत की सामाजिक आर्थिक विकास में हथकरघा बुनाई समुदाय के योगदान का सम्मान करना है. भारत की हथकरघा विरासत के बारे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. हथकरघा बुनकरों और श्रमिकों को अधिक से अधिक आय के अवसर प्राप्त होंगे, तो देश भी आत्मनिर्भर बनेगा और छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के बुनकरों, कारीगरों को भी उनके उत्पादों को प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त होगा.

read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus