रोहित कश्यप,मुंगेली। निजी अस्पतालों की मनमानी की खबरें अब आम हो गई हैं. इसी बीच मुंगेली जिले से चिकित्सा जगत को शर्मसार कर देना वाला मामला सामने आया है. जहां अस्पताल अस्पताल प्रबंधन ने गर्भवती महिला को आयुष्मान योजना से प्रसव कराने की अनुबंध पर भर्ती कर लिया, लेकिन प्रसव के बाद परिजनों को हजारों रुपये का बिल थमाकर कह दिया कि पैसा देने पर ही प्रसूता और नवजात को छोड़ा जाएगा.

मामला हमेशा से विवादों में रहे अवध लाइफ केयर हॉस्पिटल का है, जो कि नित नए कारनामों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहता है. जानकारी के मुताबिक 1 अगस्त को झाल निवासी जिला बेमेतरा के रहने वाला सिद्धार्थ गोयल अपनी पत्नी को जिला हॉस्पिटल मुंगेली में लाया था, तभी वहां हॉस्पिटल में सेवा देने वाले स्टाफ ने उन्हें कहा कि महिला के पेट में पानी नहीं है. प्रसव नॉर्मल डिलीवरी से नही हो पाएगा, इसलिए इन्हें किसी दूसरे हॉस्पिटल में ले जाना पड़ेगा.

परिजनों के पूछने पर जिला अस्पताल में ऑपरेशन नहीं होने की बात कही गई, जिसके बाद दूसरे दिन उसने अपनी पत्नी को मुंगेली के अवध केयर हॉस्पिटल में दाखिल कराया. अवध केयर हॉस्पिटल में उस पीड़ित महिला का ऑपरेशन किया गया. परिजनों के अनुसार अवध हॉस्पिटल में उस पीड़ित महिला का ऑपरेशन 16000 रुपये का बिल आयुष्मान कार्ड के तहत किया गया.

साथ ही अलग से 13 हजार फिर जमा करवा लिया गया, जिसके बाद अब हॉस्पिटल से छूट्टी कराने के लिये फिर से 10,500 की माग की जा रही थी, जिसे देने से परिजनों ने आयुष्मान से इलाज होने का हवाला देते हुए देने से मना कर दिया गया. इसके बाद बिल देने की शर्त पर प्रसूता और नवजात को बंधक बना लिया. जब यह मामला मीडिया तक पहुंचा तो इसकी जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई.

मामले को तत्काल संज्ञान में लेकर मुंगेली SDM नवीन भगत और स्वास्थ्य विभाग की अधिकारी अवध हॉस्पिटल पहुंचकर बंधक बनाए गए प्रसूता और नवजात को छुट्टी दिलाई. वहीं परिजनों की शिकायत पर अस्पताल प्रबंधन के ऊपर वैधानिक जांच और कार्रवाई की जा रही है.

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