राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। बीजेपी ने असंसदीय शब्दों की सूची में बंटाधार और नक्सलवादी शब्दों को शामिल किए जाने का विरोध किया है। बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर बंटाधार और नक्सलवादी शब्द को असंसदीय शब्दों की सूची से हटाकर बहाल करने की मांग की है।
रामेश्वर शर्मा ने कहा कि मिस्टर बंटाधार शब्द हटा दिया तो बीजेपी सरकार कांग्रेस और कांग्रेस सरकार की तुलना ही नहीं हो पाएगी।बंटाधार शब्द यह लोक चर्चा का शब्द है। मध्य प्रदेश के नागरिक इस शब्द का उपयोग दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली बंटाधारी शासन के 10 साल को याद करते हुए करते हैं। बंटाधार शब्द की उत्पत्ति मध्यप्रदेश के 7:30 करोड़ जनता के द्वारा की गई है। बंटाधार शब्द यह किसी भी प्रकार से असंसदीय शब्दावली में नहीं आता है। बंटाधार केवल शब्द नहीं बल्कि दिग्विजय सिंह के बंटाधारी 10 वर्षों के कार्यकाल का जीवन दर्शन है। बंटाधारी शब्द को असंसदीय शब्दों की सूची में डालने से सदन के अनेक सदस्यों सहित मध्य प्रदेश के नागरिकों में रोष है।
इसके साथ ही नक्सलवादी शब्द को भी आ संसदीय शब्दों की सूची में शामिल किया गया है। जिस पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है क्योंकि छत्तीसगढ़ की सीमा से जुड़े मध्यप्रदेश के कुछ क्षेत्रों में आज भी नक्सली मूवमेंट की घटनाएं सामने आती रहती हैं। ऐसे में इन घटनाओं सहित अनेक ऐसे अवसर सदन में चर्चा के दौरान आएंगे जब नक्सलवादी शब्द का उपयोग किया जाएगा। यदि नक्सलवादी शब्द हटाया जाता है तो उसकी जगह क्या बोला जाएगा यह शब्द तो लोकसभा तथा राज्यसभा जैसे उच्च सदनों में भी प्रयोग किए जाते हैं।
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