रायगढ़। 1 से 7 अगस्त तक मनाए जाने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष्य में अदाणी फाउण्डेशन की सुपोषण सागिनियां एक अहम कड़ी के रूप में कार्य कर रही है, जिसमें सुपोषण परियोजना द्वारा सात दिनों तक स्तनपान से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य शिशुवती माताओं को स्तनपान के प्रति जागरूक करना रहा.
काउंसलिग के माध्यम से विशेषकर शिशुवती और धात्री माताओं (स्तनपान कराने वाली माताएं) को सुपोषण संगिनियो द्वारा स्तनपान संबंधित विभिन्न जानकारियां उपलब्ध कराई गईं, जिनमें जन्म के तुरंत बाद केवल स्तनपान कराना, स्तनपान का सही तरीका, स्तनपान से शिशु को आजीवन होने वाले लाभ और स्तनपान से संबंधित प्रचलित भ्रांतियां आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गईं. खासतौर पर उन परिवारों के पुरुषों के साथ भी सामूहिक चर्चा की गईं. साथ ही उन्हें शिशुओं के स्तनपान में सहयोग के लिए, शपथ ग्रहण कराकर, शपथ पत्र भी प्रदान किया गया.
विश्व स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत शिशुवती और धात्री माताओं को पौष्टिक व्यंजन पकाने के संबंध में भी जागरूक किया गया. उन्हें कोदो, रागी, बाजरा और अन्य छोटे अनाजों के बारे में जानकारी दी गई. सप्ताह के मध्य में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन के सहयोग से 23 सुपोषण संगिनियो ने ग्राम के मुख्य मार्गों की दीवारों में जागरूकता से जुड़े नारे लिखने के साथ, सुपोषण रैली का आयोजन भी किया, जिसमें हितग्राहियों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया.
गौरतलब है कि शिशुओं को कुपोषण से बचाव के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन, अगस्त के प्रथम सप्ताह को स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाता आ रहा है. इस मुहीम में अदाणी फाउंडेशन सुपोषण कार्यक्रम के जरिए शिशुवती माताओं और गर्भवती महिलाओं को विगत कई वर्षों से स्वास्थ के प्रति जागरूक करता आ रहा है, जिसमें सुपोषण संगनियों की सबसे अहम भूमिका रही है.
विश्व स्तनपान सप्ताह के सफल आयोजन में मुख्य रूप से महिला और बाल विकास विभाग के अतुल दाण्डेकर (जिला महिला व बाल विकास अधिकारी, रायगढ़), डाॅ. रोशन अग्रवाल एम.डी., बाल विकास परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक व स्वास्थ्य विभाग का महत्वपूर्ण योगदान रहा. साथ ही आगनबाड़ी और मितानिन कार्यकर्ताओं संग हितग्राहियों की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही. इस साप्ताहिक आयोजन में अदाणी फाउंडेशन की सभी सुपोषण संगिनियों का विशिष्ट योगदान देखने को मिला.
अदाणी फाउंडेशन के बारे में जानकारी
1996 में स्थापित, अदाणी फाउंडेशन वर्तमान में 18 राज्यों में सक्रिय है, जिसमें देश भर के 2250 गांव और कस्बे शामिल हैं. फाउंडेशन के पास प्रोफेशनल लोगों की टीम है, जो नवाचार, जन भागीदारी और सहयोग की भावना के साथ काम करती है. वार्षिक रूप से 3.2 मिलियन से अधिक लोगों के जीवन को प्रभावित करते हुए अदाणी फाउंडेशन चार प्रमुख क्षेत्रों- शिक्षा, सामुदायिक स्वास्थ्य, सतत आजीविका विकास और बुनियादी ढा़ंचे के विकास, पर ध्यान केंद्रित करने के साथ सामाजिक पूंजी बनाने की दिशा में काम करता है. अदाणी फाउंडेशन ग्रामीण और शहरी समुदायों के समावेशी विकास और टिकाऊ प्रगति के लिए कार्य करता है. इस तरह, राष्ट्र-निर्माण में अपना योगदान देता है.
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