रायपुर। राज्य में वनों के विकास सहित वनवासियों के हित में योजनाओं का कुशलतापूर्वक संचालन जारी है. छत्तीसगढ़ में वन विभाग ने वर्ष 2020-21 में कोरोना संकट के बावजूद लोगों को लघु वनोपज संग्रहण सहित विभिन्न रोजगारमूलक योजनाओं के तहत 5 करोड़ 23 लाख मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया है.

प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि इस दौरान राज्य में 1 हजार 49 करोड़ रूपए की राशि से वनों के विकास और संरक्षण संबंधी अनेक कार्य कराए गए हैं. वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 में संचालित इन कार्यों से लोगों को 2 करोड़ 23 लाख 19 हजार 563 मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया. इसी तरह राज्य में वर्ष 2020-21 में ही लघु वनोपजों के संग्रहण और प्रसंस्करण आदि कार्यों से लोगों को 3 करोड़ मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध हुआ है. इसमें लघु वनोपज संग्राहकों सहित आदिवासी-वनवासियों को 600 करोड़ रूपए की राशि के पारिश्रमिक का वितरण किया गया है.

राज्य में वनों के विकास और संरक्षण संबंधी कार्यों के अंतर्गत उपलब्ध कराए गए 2.23 करोड़ मानव दिवस के रोजगार में से सर्वाधिक कैम्पा मद के अंतर्गत एक करोड़ 37 लाख मानव दिवस का रोजगार शामिल है. इसके अलावा बिगड़े वनों का सुधार अंतर्गत 28 लाख 26 हजार और प्राकृतिक पुनरोत्पादन संबंधी कार्यों के अंतर्गत 24 लाख 96 हजार मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया है. इसी तरह पर्यावरण वानिकी में एक लाख 16 हजार भू एवं जल संरक्षण कार्य में 2 लाख 20 हजार, नदी तट वृक्षारोपण योजना में एक लाख 55 हजार और तेजी से बढ़ने वाले वृक्षारोपण संबंधी कार्यों में 92 हजार मानव दिवस का रोजगार दिया गया. पथ वृक्षारोपण के अंतर्गत एक लाख 43 हजार मानव दिवस, अतिक्रमण व्यवस्थापन के बदले वृक्षारोपण संबंधी कार्यों में 19 हजार 790 और सड़कें और मकान निर्माण कार्य के अंतर्गत 77 हजार मानव दिवस और वन मार्गों पर रपटा एवं पुलिया निर्माण के कार्यों में 60 हजार मानव दिवस का रोजगार प्रदान किया गया.

इसी तरह मुख्यमंत्री बांस विकास योजना में 22 हजार, पुनर्गठित राष्ट्रीय बांस मिशन में 17 हजार, अग्नि बचाव कार्य में 2 लाख 83 हजार, वन अग्नि बचाव एवं प्रबंधन कार्य में 66 हजार मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया. इसके अलावा सड़कों का निर्माण और भवनों का मरम्मत आदि कार्यों के अंतर्गत 9 लाख 40 हजार मानव दिवस, संयुक्त वन प्रबंधन सुदृढ़ीकरण एवं विकास में 32 हजार मानव दिवस, औषधि रोपण कार्य में 20 हजार मानव दिवस का रोजगार प्रदान किया गया. इसी तरह लोक संरक्षित क्षेत्रों की स्थापना में 18 हजार मानव दिवस, राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम में एक लाख 93 हजार मानव दिवस, ग्रीन इंडिया मिशन में 15 हजार मानव दिवस तथा पारिस्थितिकी सेवा विकास परियोजना में 71 हजार मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया.

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