कपिल मिश्रा, शिवपुरी। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में बाढ़ पीड़ित वृद्ध महिला को कलेक्टर द्वारा बाहर फेंकवाने के बाद मानवाधिकार आयोग ने मामले को संज्ञान में लिया है. आयोग ने कलेक्टर और एसपी को नोटिस जारी करते हुए तीन हफ्ते में जवाब मांगा है.

दरअसल, शिवपुरी जिले में बाढ़ ने सबकुछ तबाह कर दिया है. जहां मदद की दरकार लेकर ग्रामीण कलेक्ट्रेट ऑफिस कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने गुहार लगाने गए, लेकिन कलेक्टर साहब का संवेदनहीन रवैया सामने आया है. यहां बैराड़ के टोरिया ग्राम की एक बुजुर्ग महिला ने प्रशासन की नाकामियों से पर्दा उठाने लगी तो, कलेक्टर ने अपनी मौजूदगी में सुरक्षाकर्मियों से उसे अर्द्ध नग्न अवस्था में बाहर फेंकवा दिया. मानवता को शर्मसार कर देने वाले इस कृत्य को कलेक्टर साहब देखते रहे. इतना ही नहीं इस घटना में महिला जख्मी हो गई. उसके पैर से खून बहने लगा. बावजूद इसके अधिकारी अपनी क्रूरता की चरम सीमा को पार करते रहे.

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बताया जा रहा है कि मानसिक रूप से कमजोर वृद्धा भी अपना आवेदन लेकर गुहार लगाने पहुंची. महिला के चिल्लाने पर सादे कपड़ों में मौजूद महिला पुलिसकर्मियों व अन्य कर्मचारियों ने उस वृद्धा को हाथ-पैर पकडकर उठाया और कलेक्ट्रेट के गेट के पास ले जाकर बुरी तरह पटक दिया था. जिसके चलते वृद्धा के पैर मे चोट लग गई और खून निकलने लगा. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने वृद्धा के पैर से खून निकलता देखाल, लेकिन उसके प्राथमिक उपचार का कोई इंतजाम भी नहीं किया. जिसके बाद मामले को मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार जैन ने संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर और एसपी को नोटिस जारी किया है.

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