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रायपुर- ये तो पता नहीं कि पीसीसी चीफ भूपेश बघेल का राजनीतिक सलाहकार कौन हैं, लेकिन सलाह ऐसी दे डाली कि राजनीतिक प्रेक्षक कह रहे हैं कि इसे मौके पर चौका मारना कहते हैं।  दरअसल हुआ कुछ यूं कि आज भूपेश बघेल के शांतिनगर स्थित सरकारी आवाज में कुरूदडीह के ग्रामीणों ने धरना दे दिया और मांग करने लगे कि उनकी जमीन पर भूपेश के परिजनों द्वारा किए गए कब्जे को हटाकर उनका हक दिया जाए। किसानों का प्रदर्शन मीडिया की सुर्खिया बनी, तो भूपेश ने किसानों को बंगले के भीतर बुला लिया। चर्चा हुई और कहा कि  वो खुद किसानों के साथ मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह से मिलकर मामले के निराकरण के लिए चर्चा करेंगे। भूपेश बघेल ने आनन फानन में मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह को एक पत्र भी लिख डाला। भूपेश ने अपने पत्र में लिखा कि वो डा.रमन सिंह से किसानों की मांगों को लेकर चर्चा करना चाहते हैं, लिहाजा उन्हें मिलने का वक्त दिया जाए। हालांकि कांग्रेस की दलील है कि सीएम सचिवालय की ओर से भूपेश बघेल के भेजे गए पत्र पर सचिवालय ने किसी तरह की पावती नहीं दी। पढ़िए जरा भूपेश बघेल ने क्या लिखा है-

 

प्रति
रमन सिंह

मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन
विषय- कुरूडीह के गांव के लोगों को जमीन का पट्टा दिलाने बाबत
माननीय मुख्यमंत्री जी,

आज दोपहर मेरे गृह ग्राम कुरुदडीह के कुछ किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल मेरे घर पर आया था।  वे मुझसे अपनी जमीन दिलवाने की मांग कर रहे थे।  मैंने उनसे समस्या के बारे में विस्तार से चर्चा की है। उन्होंने बताया कि जिस जमीन की मांग वे कर रहे हैं।उसकी ऋण पुस्तिका तो उनके पास है,  लेकिन उसमें तहसीलदार के दस्तखत न होने की वजह से जमीन उन्हें नहीं मिल पा रही है, उन्होंने बताया कि जिस जमीन की मांग वे कर रहे हैं वह शासकीय दस्तावेजों में घास की जमीन के नाम से दर्ज है। प्रतिनिधि मंडल में शामिल किसानों ने बताया कि एक बार इस ऋण पुस्तिका के आधार पर उन्हें ऋण भी मिला था, लेकिन कलेक्टर को जानकारी मिलने के बाद अनियमितता के आरोप में पटवारी को निलंबित कर दिया गया था। जो किसान मेरे पास आए थे,  वे सब सीमांत कृषक हैं और उनकी आजीविका के लिए आवश्यक है कि उन्हें अतिरिक्त जमीन दी जाए। चूंकि यह मामला मेरे गृहग्राम के अलावा मेरे विधानसभा क्षेत्र पाटन का भी है ,इसलिए वे चाहते थे कि मैं उनकी समस्या का निदान करूं। उनका जनप्रतिनिधि होने के नाते मैं आपसे अनुरोध कर रहा हूं कि इन किसानों की समस्या के निदान की दिशा में आप तत्काल कोई कदम उठाएं जिससे कि इन सीमांत किसानों की मदद हो सके। मैंने इस प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन भी दिया है कि मैं स्वयं उनके साथ चलकर आपसे चर्चा करने का प्रयास करुंगा. अगर आप मिलने का समय दे सकें तो मैं इन्हीं किसानों को लेकर आपसे मिलने भी आना चाहूंगा जिससे कि इन किसानों की समस्या से आप भी ठीक तरह से अवगत हो सकें. आपसे अनुरोध है कि आप अपनी व्यस्तता के बीच कृपापूर्वक थोड़ा समय निकालें।

भवदीय 

भूपेश बघेल