रायपुर। छत्तीसगढ़वासियों को अगले 4 घंटे सावधान रहने की जरूरत हैं, क्योंकि मौसम विभाग ने जोरदार बारिश होने की संभावना जताई है. प्रदेश के 8 से अधिक जिलों में 16:30 बजे से भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. जिसमें कोरिया, सूरजपुर, सरगुजा, जशपुर, बिलासपुर, पेंड्रा, मुंगेली, कोरबा और आसपास के जिलों के एक दो स्थान शामिल है, जहां भारी बारिश की संभावना है. मौसम विभाग ने 19 अगस्त के लिए भी चेतावनी जारी किया है. राजधानी रायपुर में भी अभी झमाझम बारिश हो रही है.

मौसम विभाग के मुताबिक एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा झारखंड और उसके आसपास 1.5 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है. उत्तर दक्षिण द्रोणीका विदर्भ से तटीय तमिलनाडु तक तेलंगाना, रॉयल सीमा होते हुए 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है. मानसून द्रोणिका गंगानगर, नारनौल, ओरई, सीधी जमशेदपुर, दीघा और उसके बाद पूर्व- दक्षिण-पूर्व की ओर उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक स्थित है. हवा का शियर जोन 20 डिग्री उत्तर में 3.1 किलोमीटर से 4.5 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है.

इसके अलावा 19 अगस्त को भी अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है. प्रदेश में एक-दो स्थानों पर चमक के साथ आकाशीय बिजली भी गिरने की संभावना है. अधिकतम तापमान में विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है. इसलिए ज्यादा जरूरी होने पर घर से बाहर जाने की जरूरत नहीं है.

आकाशीय बिजली से कैसे करें बचाव

  • यदि किसी खुले स्थान में हैं, तो तत्काल किसी पक्के मकान की शरण ले लें. खिड़की, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें.
  • लोहे के पिलर वाले पुल के आसपास तो कतई नहीं जाएं.
  • ऊंची इमारतों वाले क्षेत्रों में शरण नहीं लें, क्योंकि वहां वज्रपात का खतरा ज्यादा होता है.
  • अपनी कार आदि वाहन में हैं, तो उसी में ही रहें लेकिन बाइक से दूर हो जाएं क्योंकि उसमें पैर जमीन पर रहते है.
  • विद्युत सुचालक उपकरणों से दूर रहें और घर में चल रहे टीवी, फ्रिज आदि उपकरणों को बंद कर दें.
  • तालाब, जलाशयों और स्विमिंग पूल से दूरी बनाएं.
  • अगर खेत या जंगल में हैं, तो घने और बौने पेड़ की शरण में चले जाएं, लेकिन कोशिश करें कि पैरों के नीचे प्लास्टिक बोरी, लकड़ी या सूखे पत्ते रख लें.
  • समूह में न खड़े हों बल्कि दूर-दूर खड़े हों. इसके साथ ही ध्यान दें कि आसपास बिजली या टेलीफोन के तार नहीं हों.
  • वज्रपात में मृत्यु का तात्कालिक कारण हृदयाघात होता है. ऐसे में जरूरी हो तो संजीवन क्रिया, प्राथमिक चिकित्सा कार्डियो पल्मोनरी रेस्क्यूएशन (सीपीआर) प्रारंभ कर दें.

read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus