शब्बीर अहमद/सदफ हामिद, भोपाल। बीजेपी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करने वाली चयनित शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज करने के मामले ने अब सियासी तूल पकड़ लिया है। मामले में कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि राखी लिये हाथों को सरकार हथकड़ियां पहनाना चाहती है। नियुक्तियां मांगने वालों के खिलाफ 1500 एफआईआर, कांग्रेस चयनित शिक्षकों और बेरोजगारों के साथ है। मध्यप्रदेश में मानव अधिकार खूंटी पर टांग दिया गया है।
वहीं एफआईआर के बाद बीजेपी ने सफाई देते हुए कहा कि चयन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, न्यायालय की बाध्यता है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि सरकार की तरफ से प्रक्रिया पूरी हो गई है, वेरिफिकेशन हो गया है। सरकार की तरफ से कोई कमी नहीं है। न्यायालय की बाध्यता है, न्यायालय में हम गए हैं। चयन की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। सरकार न्यायालय से गाइडेंस ले रही है। हम न्यायालय के खिलाफ नहीं जा सकते।
चयनित शिक्षकों को लेकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि दिग्विजय ने मध्यप्रदेश का बेड़ा गर्क किया था। शिक्षकों को कर्मी का दर्जा दिया गया था। 200-500 रुपए तनखा दी जाती थी। दिग्विजय बंटाधार के नाम से जाने जाते हैं। दिग्विजय ने मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य बना दिया।
वहीं मामले में कांग्रेस के बयान पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के आंसू घड़ियाली है। हमारी सरकार कर्मचारी हितैषी है सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की सरकार है। दिग्विजय वो हैं जो जिन्होंने शिक्षकों को 500 रुपए महीना देते हैं और शिवराज सरकार वो हे जो 50 हजार महीना देती है। इनको कहां से हक है ट्वीट करने का, कमलनाथ वो हैं जिन्होंने 15 महीने झांक कर नही देखा वल्लभ भवन से जब महिला शिक्षक सर मुंडवा रही थी।
आपको बता दें बीजेपी दफ्तार के सामने प्रदर्शन करने पर 27 चयनित शिक्षकों के खिलाफ पुलिस ने बलवा सहित कई धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। चयनित शिक्षक अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राखी बांधने बीजेपी दफ्तर पहुंची थी। लेकिन वहां तैनात पुलिस कर्मियों ने उन्हें सड़क पर ही रोक दिया था। जिसके बाद वो सड़क पर ही धरने पर बैठ गई थीं।
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