अफगानिस्तान। तालिबान (Taliban) के अंदरूनी फैसले और उसकी लीडरशिप को लेकर अतिवादी संगठन की तरफ से हमेशा से एक गोपनीयता बरती जाती रही है. 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान का शासन था. फिर 2001 में अमेरिकी सैनिकों ने उन्हें खदेड़ दिया था. अब जब अमेरिकी सेना लौट रही है तो तालिबान ने एक बार फिर अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है. बीते 20 वर्षों के दौरान तालिबान का एकमात्र ध्येय अफगानिस्तान पर दोबारा कब्जा का रहा है.
दूसरी बार काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान खुद को रहम दिल दिखाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन देश में हर रोज घट रही दर्दनाक घटनाएं उसके मूल स्वभाव को दिखा रही हैं. तालिबान की नई लीडरशिप को भी लेकर लगातार चर्चाएं जारी हैं. आइए आपको नई तालिबानी लीडरशिप के बारे में बताते हैं.
हैबतुल्लाह अखुंदजादा
अखुंदजादा तालिबान का सर्वोच्च नेता है जो समूह के राजनीतिक, धार्मिक और सैन्य मामलों पर अंतिम अधिकार रखता है. अखुंदजादा को इस्लामिक कानून का विद्वान माना जाता है. साल 2016 में अमेरिका ने एक ड्रोन हमले में तालिबान के प्रमुख अख्तर मंसूर को मार गिराया था.
मुल्ला गनी बरादर
मुल्ला अब्दुल ग़नी बरादर उन 04 लोगों में एक है, जिन्होंने 1994 में तालिबान का गठन किया था. साल 2001 में जब अमेरिकी नेतृत्व में अफगानिस्तान में फौजों ने कार्रवाई शुरू की तो वो मुल्ला बरादर की अगुवाई में विद्रोह की खबरें आने लगीं. अमेरिकी सेनाएं उसे अफगानिस्तान में तलाशने लगीं लेकिन वो पाकिस्तान भाग निकला था.
जबीउल्लाह मुजाहिद
बहुत लंबे समय तक जबीउल्लाह के बारे में कोई जानकारी नहीं मौजूद थी. कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि वो अमेरिकी सैनिकों और अफगानिस्तानी अधिकारियों के खून का प्यासा है. बीस सालों के दौरान वो मीडिया से फोन या फिर टेक्स्ट मैसेज के जरिए ही बात करता रहा है.
सिराजुद्दीन हक्कानी
अपने पिता जल्लालुद्दीन से हक्कानी नेटवर्क का नेतृत्व हासिल करने वाला सिराजुद्दीन हक्कानी एक ग्लोबल आतंकी है. अमेरिका ने उस पर पांच मिलियन डॉलर का इनाम रखा है. वह फैसले और कार्रवाई में अहम भूमिका निभाएगा. 2007 से ही वह UNSC के प्रस्ताव 1272 के तहत आतंकी है.
अब्दुल हकीम हक्कानी
अब्दुल हक्कानी तालिबान की शांति वार्ता टीम का हेड है. उसे अखुंदजादा का बेहद करीबी माना जाता है. 2001 के बाद से ही हक्कानी लो प्रोफाइल रहता है और पाकिस्तान में मदरसा चलाता रहा है.
मुल्ला मोहम्मद याकूब
मुल्ला उमर का 31 साल का बेटा मुल्ला मोहम्मद याकूब तालिबान की सेना में ऑपरेशन हेड की भूमिका में है. कहा जा रहा है कि नई सरकार में उसे बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है.
हसिबुल्लाह स्तानिकजाई
वो तालिबान की लोगार प्रोविंशियल काउंसिल का हेड है. फर्रादेदार अंग्रेजी बोलता है और दुनिया घूम रखी है. अफगान शांति वार्ता में वो अब्दुल हकीम हक्कानी का डिप्टी था.
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