नयी दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसान केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. किसानों के विरोध प्रदर्शन के नौ महीने पूरे होने के अवसर पर किसान गुरुवार से सिंघु बॉर्डर पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करेंगे. इस दो दिवसीय सम्मेलन में किसानों, महिलाओं, युवाओं और मजदूरों के संगठनों के 1,500 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे.
इस सम्मेलन का लक्ष्य केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन को ‘‘गति और विस्तार’’ प्रदान करना है. सम्मेलन में गुरुवार को तीन सत्र आयोजित होंगे, जिसमें उद्घाटन सत्र सहित औद्योगिक श्रमिकों, कृषि श्रमिक, ग्रामीण, गरीब और आदिवासी लोगों पर एक-एक सत्र आयोजित किया जाएगा. सम्मेलन में “सभी तीन कॉर्पोरेट समर्थक कृषि कानूनों को निरस्त करना, सभी फसलों के एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के लिए कानूनी गारंटी, बिजली विधेयक 2021 को निरस्त करना और एनसीआर एवं आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग विधेयक 2021 के तहत किसानों पर कोई मुकदमा ना चलाया जाए’’ के सबंध में चर्चा होने की उम्मीद है.
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बता दें कि किसान पिछले साल नवम्बर से दिल्ली से लगी सीमाओं पर केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने बार-बार कानूनों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को खत्म करने और उन्हें बड़े कॉर्पोरेट की दया का मोहताज बनाने का भय व्यक्त किया है. सरकार और किसानों के बीच इस संबंध में 10 दौर की बातचीत हुई, लेकिन दोनों पक्षों के बीच गतिरोध अब भी कायम है.
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