शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण पर लगातार सियासत जारी है। कमलनाथ ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा और आरक्षण को लेकर संशोधित आदेश जारी करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अब सरकार ने भी मान लिया है कि 27 फीसदी आरक्षण पर रोक नहीं है। सिर्फ कुछ भर्तियों पर ही कोर्ट द्वारा रोक लगी हुई थी।
कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, “हमारी सरकार ने ओबीसी वर्ग के उत्थान के लिये प्रदेश में आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% किया था।
इसको लेकर न्यायालय में कुछ याचिकाएँ लगी थी, उन पर ही अंतरिम आदेश दिया गया था, बाक़ी जगह इस पर कोई रोक नही थी लेकिन इस आदेश पर दिये एक ग़लत अभिमत के आधार पर अन्य सारे विभागों में नियुक्तियो में रोक लगाकर शिवराज सरकार में पिछड़े वर्ग को उनके हक़ से निरंतर वंचित किया जा रहा था, निरंतर झूठ परोसा जा रहा था,
हम उसी का विरोध कर रहे थे ?”
उन्होंने ट्वीट कर आगे कहा, “अब सरकार ने लिये एक अभिमत के आधार पर यह मान लिया है कि प्रदेश में ,हमारी सरकार के आरक्षण को बढ़ाकर 27% किये जाने के निर्णय पर कोई रोक नही है। अंतरिम आदेश से संबंधित विभागो को छोड़कर सरकारी नौकरियो व शैक्षणिक संस्थानो में बढ़े हुए आरक्षण का लाभ दिया जा सकता है।”
“मैं शिवराज सरकार से माँग करता हूँ कि इस अभिमत के बाद गुमराह करने व झूठ बोलने की राजनीति छोड़ ,तत्काल संशोधित आदेश जारी कर सरकारी नियुक्तियो व शैक्षणिक संस्थानो में बढ़े हुए आरक्षण का लाभ पिछड़े वर्ग को अविलंब दिया जावे और हमारी सरकार के पिछड़े वर्ग के हित में लिये गये इस निर्णय को तत्काल लागू किया जावे एवं न्यायालय में भी मज़बूत पैरवी से लंबित याचिकाओं के मामले में भी पिछड़ा वर्ग का मज़बूती से पक्ष रखा जावे।”
हमारी सरकार ने ओबीसी वर्ग के उत्थान के लिये प्रदेश में आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% किया था।
इसको लेकर न्यायालय में कुछ याचिकाएँ लगी थी, उन पर ही अंतरिम आदेश दिया गया था, बाक़ी जगह इस पर कोई रोक नही थी— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 27, 2021
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