रायपुर। छत्तीसगढ़ में इन दिनों कोरोना योध्दा हड़ताल पर हैं. पांच दिवसीय हड़ताल का आज चौथा दिन है. कोरोना योध्दाओं ने PPE किट पहनकर सड़क पर प्रदर्शन किया. सुबह गोबर बीने, दोपहर पंपलेट बांटे और शाम को मशाल रैली निकाले. आंदोलनकारी कोरोना योध्दाओं को पुलिस ने रास्ते पर ही रोक दिया. कोरोना योध्दा सेवा काल बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. कई कोरोना वॉरियर्स कोरोना काल में बेरोजगार हो गए हैं.

दरअसल, सेवा वृद्धि की मांग को लेकर प्रदेशभर के अस्थाई कोविड 19 कर्मचारियों नें इन दिनों शासन-प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पिछले 4 दिन से बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर आंदोलन कर रहे हैं. आज कोरोना योद्धाओं ने सुबह गोबर बीनकर सड़कों की सफाई की, फिर दोपहर पंपलेट बांटे और शाम कको कैंडल रैली निकालकर विरोध किया. सरकार तक अपनी मांग को पहुंचाने की कोशिश की.

मेघा प्रदर्शनकारी कोरोना योद्धा ने बताया कि अस्थाई रूप से कोरोना का में पदस्य किए गए स्वास्थ्य कर्मियों कार्य पर निरंतर रखने की मांग को लेकर 24 अगस्त से पांच दिवसीय धरना प्रदर्शन रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर शुरू कर किया गया है. 24 अगस्त से 28 अगस्त तक चलने वाले इस आंदोलन में प्रदेश के समस्त अस्थाई कोविड कर्मचारी, जिसमें डॉक्टर, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, नर्सिंग स्टाफ, लैब तकनीशियन, फार्मासिस्ट, स्वास्थ्य संयोजक, वार्ड बॉय, कंप्यूटर ऑपरेटर, सफाई कर्मी एवं अन्य शामिल हैं.

ये हैं मांगें

अस्थाई कोविड कर्मचारी स्वास्थ्य कर्मियों की मांग है कि कोरोना काल के दौरान अस्थाई रूप से भर्ती स्वास्थ्य कर्मियों को कार्य पर निरंतर रखा जाए. जिनकी सेवा समाप्त कर दी गई है, उन्हें फिर से कार्य पर निरंतर रखा जाए. इन मांगों को लेकर पिछले 4 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं.

ये है पीड़ा
मंडिया राम बघेल ने दर्द बयां करते हुए कहा कि मेडिकल की पढ़ाई के लिए उन्होंने जमीन बेचकर जेवर गिरवी रख कर पढ़ाई की. आज सरकार ने बेरोजगार कर दिया है. न्याय की बात करने वाली सरकार आखिर कोरोना योद्धाओं के साथ अन्याय क्यों कर रहे हैं. अगर 5 दिनों के भीतर उनकी मांग पूरी नहीं होती . तो आंदोलन निरंतर जारी रखते हुए उग्र आंदोलन की चेतावनी.

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