सत्यपाल सिंह,रायपुर। छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वो बच्चों के भविष्य को लेकर कितना गंभीर है. शिक्षा सत्र 2021-22 का प्रारंभ 16 जून से हो चुका है, लेकिन अभी तक आधुनिक शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल में अब तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है. ऐसे में बिना शिक्षक पढ़ाई का स्तर क्या होगा ? आखिर बच्चे कैसे पढ़ाई कर रहे होंगे ? इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है. दूसरी ओर एक बार फिर शिक्षा विभाग की नाकामी का फायदा निजी स्कूल उठाने लगे हैं.
प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने कहा कि स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल में प्रवेश के दौरान निजी स्कूलों से सैकड़ों विद्यार्थियों ने टीसी लेकर सरकारी अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल में प्रवेश ले लिया. लेकिन अव्यवस्था, शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई नहीं पा रही है. जिस कारण अभिभावकों की चिंता ने प्राइवेट स्कूल की ओर रुख कर लिया है. प्रदेश भर में हजारों बच्चों ने प्राइवेट स्कूल में दाखिला ले लिया है.
अभिभावक संघ के अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने शिक्षा विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि बगैर तैयारी आनन-फानन में अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोला गया है. हिंदी माध्यम स्कूल की उपेक्षा की जा रही है. करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी अब तक स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है. आज इस बात से सभी अभिभावक चिंतित हैं. सभी को उम्मीद थी कि इसका रिज़ल्ट बढ़िया रहेगा. पढ़ाई अच्छी होगी. लेकिन शिक्षक ही नहीं है, तो बच्चे कैसे पढ़ेंगे. बच्चे पढ़ाई से पिछड़ गए हैं. बच्चों का भविष्य क्या होगा ? बोर्ड कक्षा की पढ़ाई में पिछड़ना एक बड़ा संकट साबित हो सकता है. पिछले दो सालों से स्कूल बंद है. ऐसे में स्कूल खुलने के बाद भी पढ़ाई का न होना बहुत गंभीर लापरवाही है. बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है.
लोक शिक्षण संचालनालय के सहायक संचालक ए.एन बंजारे ने कहा कि अगले महीने के प्रारंभिक सप्ताह में लगभग सभी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की कर दी जाएगी. अभी प्रक्रियाधीन है. रायपुर में इंटरव्यू का दौर खत्म होने वाला है. बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से जारी है.
गौरतलब है कि प्रदेशभर में 159 स्वामी आत्मानंद सरकारी अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल है. जिसमें 100 से ज़्यादा स्कूल इस बार नहीं खोले गए हैं. नए स्कूल में अब तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है. अधिकारियों के बयान के मुताबिक़ अभी प्रक्रियाधीन है, लेकिन पिछले साल से संचालित स्कूलों में भी कई शिक्षकों का पद ख़ाली है. ऐसे में सवाल उठ रहे कि आरंभिक दौर में शिक्षकों की कमी देखी जा रही है, तो आगे चलकर और भी हालत ख़राब हो सकते हैं.
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