कोरबा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बी. पी. वर्मा ने कलेक्टर रानू साहू और पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के साथ आज कोरबा शहर जिला जेल का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान तीनों अधिकारियों ने जेल में कैदियों के स्वास्थ्य, सुरक्षा, सफाई और सुविधाओं का जायजा लिया. अधिकारियों ने अपने निरीक्षण के दौरान मुलाकात कक्ष, किचन, पुरूष बैरेक, महिला बैरेक, प्रवेश द्वार, गौशाला आदि के साथ बुजुर्ग बंदियों के बैरकों का भी निरीक्षण किया. अधिकारियों ने इस दौरान जेल में मौजूद विभिन्न पंजीयों और सीसीटीवी सिस्टम की भी जांच की. जिला सत्र न्यायाधीश वर्मा ने जेल निरीक्षण के दौरान बंदियों से उनके मामलों के बारे में जानकारी ली.

न्यायाधीश ने सभी बंदियों से मामला पेश करने और अदालत में अपना पक्ष रखने के लिए वकीलों की उपलब्धता के बारे में भी पूछा. जज वर्मा ने अपना पक्ष अदालत में रखने जिन बंदियों के पास वकील उपलब्ध ना हो उन्हें विधिक सहायता मुहैया कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए. निरीक्षण के दौरान बंदियों के सामानों की भी रैंडम जांच की गई. उन्होंने बंदियो को किसी भी तरह की प्रतिबंधित और नियम विरूद्ध सामग्री उपलब्ध नहीं कराने के जेल अधिकारियों को निर्देश दिए. निरीक्षण के दौरान जिला जेल की 15 बैरकों में कुल 258 बंदी निरूद्ध पाए गए. जिनमें 16 महिलाएं भी शामिल हैं. कोरबा की जेल में आठ सजा-आफ्ता, चार साधारण, दो दीवानी और 244 विचाराधीन बंदी निरूद्ध हैं. चार महिला कैदियों के साथ चार छोटे बच्चे भी निरीक्षण के दौरान जेल में मिले.

महिला बैरक में कलेक्टर रानू साहू ने महिला बंदियों से मुलाकात की और चार बंदियों के साथ यहां रह रहे चार छोटे बच्चों का भी हालचाल पूछा. उन्होंने बच्चों को चॉकलेट और टॉफियां बांटी. कलेक्टर ने इस दौरान सहायक जेलर को बच्चों को खेलने के लिए खिलौनों, महिलाओं और अन्य कैदियों को पढ़ने के लिए ज्ञानवर्धक-प्रेरणादायक पुस्तकों का इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. औचक निरीक्षण के समय बंदियों के लिए तैयार किए जा रहे भोजन की भी किचन में जाकर अधिकारियों द्वारा जांच की गई. बंदियों को भोजन देने की व्यवस्था की भी जानकारी अधिकारियों ने ली. बंदियों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए सभी इंतजाम कर डॉक्टरों आदि की ड्युटी लगाने के निर्देश भी कलेक्टर ने अधिकारियों को दिए. अधिकारियों ने जेल परिसर में घुमकर सुरक्षा व्यवस्था का भी मुआयना किया. कलेक्टर ने सभी कैदियों की कोविड जांच कराने के भी निर्देश सहायक जेलर को दिए.

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