उमंग अग्रवाल, कानपुर देहात. प्रशासन का अवैध कब्जा हटवाने का कार्य तेजी से जारी है. रविवार को एसडीएम भोगनीपुर दीपाली भार्गव लेखपालों और पुलिस टीम के साथ अवैध कब्जा हटवाने जीसीबी लेकर पहुच गई. और तेजी से पूर्व प्रधान के परिजनों द्वारा कब्जा किए जमीन से कब्जा हटवाने का कार्य शुरू करा दिया. जिसके बाद जमीन पर कब्जा किए पूर्व प्रधान के पति और उनके परिजनों ने कब्जा हटवाने के कार्य का जमकर विरोध किया. पूर्व प्रधान के पति और उसके परिजनों ने जमीन को अपनी जमीन बताकर विरोध किया और कब्जा हटवाने के कार्य को रोकने की मांग की. जिसके बाद एसडीएम ने कब्जा हटवाने का कार्य को कुछ दिनों के लिए रुकवा दिया. साथ ही पूर्व प्रधान के पति और उसके परिजनों को जमीन के दस्तावेज पेश करने के लिए को कहा है.
वहीं एसडीएम भोगनीपुर ने कब्जा हटवाई जा रही जमीन को पुरानी परती बताया. साथ ही बिना अनुमति और पात्रता के पूर्व प्रधान के पति और उसके परिजनों द्वारा जमीन पर अवैध कब्जा किए जाने की बात कही. वहीं कब्जेदार पूर्व प्रधान पति ने जमीन पर काफी समय से कब्जा होने और उनके द्वारा उपयोगी पेड़ो को लगाकर तैयार करने की बात कही.
मामला जनपद कानपुर देहात के भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के डीघ गांव का है. जहां मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पाण्डेय ने लोगों की सुविधा के लिए व्यवस्थित बाजार बनाने की योजना तैयार की. जिसको लेकर जमीन चिन्हाकन से लेकर बाजार निर्माण करवाने का कार्य तेजी से शुरू हुआ. जिसको लेकर के भोगनीपुर तहसील प्रशासन ने गांव के रकबा नम्बर 316 जो अभिलेखों में पुरानी परती के रूप में दर्ज है उसको चिन्हित किया. जिसके बाद उस जमीन पर व्यवस्थित बाजार के निर्माण की रूपरेखा तय हुई. जमीन की पैमाइश और स्थलीय जांच में जमीन पर पूर्व प्रधान के पारिवारिक जन शिव सिंह और उसके परिजनों का कब्जा होने की बात सामने आई. जिसके बाद तेज तर्रार भोगनीपुर एसडीएम दीपाली भार्गव ने जमीन को कब्जा मुक्त करने का जिम्मा उठा लिया. जिसके चलते आज एसडीएम पुलिस और राजस्व टीमों के साथ डीघ गांव पहुंच गई और जीसीबी के माध्यम से कब्जे को हटवाने कार्य शुरू कर दिया.
वहीं जमीन पर कब्जा किए पूर्व प्रधान के पारिवारिक जनों ने कब्जा हटवाने के कार्य का विरोध किया. जिसके बाद एसडीएम ने कब्जा हटवाए जाने के कार्य को कुछ दिनों के लिए रुकवा दिया. एसडीएम भोगनीपुर दीपाली भार्गव की माने तो ग्रामीणों और इलाकाई लोगों की सहूलियत के लिए सीडीओ ने डीघ गांव में व्यवस्थित बाजार स्थापित करने की योजना तैयार की. जिसके चलते गांव के रकबा नम्बर 316 जो कि दस्तावेजो में पुरानी परती दर्ज है बाजार निर्माण के लिए चिन्हित किया गया, लेकिन जमीन पर शिवसिंह और उनके परिजनों ने पेड़ लगवाकर कब्जा कर रखा है. जबकि इस जमीन पर कब्जा करने के लिए न तो अधिकृत है और न ही पात्र है. यह जमीन न तो कब्जेदारों के लिए हरियाली पट्टा किया गया है और न ही यह इसके लिए पात्र है. इनका कब्जा अवैध है. जिसके लिए कार्रवाई की जा रही है.
वहीं जमीन पर कब्जा किए शिव सिंह की माने तो इस जमीन पर उनका काफी दिनों से कब्जा है. इस जमीन पर उनके पूर्वजों द्वारा उपयोगी पेड़ों को लगाकर तैयार किया गया हैं. जिसका प्रयोग गांव के ग्रामीण करते हैं. केवल राजनीतिक विद्धवेश के चलते विरोधियों ने यह कृत करवाया हैं. यह कार्रवाई पूरी तरह गलत है. इसको लेकर के उच्चाधिकारियों से जांच करवाने की मांग भी कई बार की है.