भोपाल, राकेश चतुर्वेदी। नई शिक्षा नीति लागू करने में देश में पहले पायदान पर रहे मध्य प्रदेश ने अगले पांच साल में 32 लाख लोगों को साक्षर करने का टारगेट तय किया है. इसके तहत अब तक शिक्षा से अछूते रहे लोगों को साक्षर करने का अभियान चलाया जाएगा. इसके लिए सरकार जल्द ही नवभारत साक्षरता कार्यक्रम चलाने जा रही है. असाक्षरों को अक्षर ज्ञान सिखाने के लिए सरकार अक्षर साथियों की नियुक्ति करेगी.
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सरकार जल्द ही प्रदेश में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम शुरू करने जा रही है. कार्यक्रम के तहत पहले पांच साल का टारगेट तय किया जाएगा. कार्यक्रम का रोडमैप तय करने को लेकर मंथन चल रहा है. देखा जाए तो 2021 की जनगणना के अनुसार मध्य प्रदेश में असाक्षरों की संख्या 1 करोड़ 74 लाख 24 हजार 138 है. एक आकलन है कि इनमें से कई लोग साक्षर हो चुके होंगे, लेकिन अभी भी बड़ा तबका साक्षरता से अछूता है.
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बता दें कि ऐसे लोगों को औपचारिक शिक्षा देने के लिए नवभारत सारक्षरता कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है. इसके तहत 15 साल से अधिक प्रदेश के करीब 32 लाख लोगों को साक्षर बनाया जाएगा. योजना का प्रारूप तैयार होते ही मंजूरी के लिए उसे कैबिनेट में लाया जाएगा. असाक्षरों को साक्षर करने के लिए अक्षर साथियों की नियुक्ति की जाएगी. समग्र शिक्षा अभियान, स्कूल शिक्षा विभाग, सेवानिवृत्त कर्मचारी, स्व सहायता समूह, नेहरू युवा केंद्र, जन अभियान परिषद, आजीविका मिशन के समूहों के साथ विद्यार्थी भी अक्षर साथी बन सकेंगे. लेकिन इसके लिए उन्हें किसी तरह का पारिक्षमिक नहीं मिलेगा.
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