नई दिल्ली।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर घोषणा की थी कि देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने के लिए ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के 75 सप्ताह में 75 ट्रेनें शुरू की जाएंगी, जिसके बाद रेलवे ने 58 वंदे भारत ट्रेनों के लिए एक निविदा जारी कर दी है. वर्तमान में, इस तरह की शताब्दी-श्रेणी की केवल दो सेमी हाईस्पीड ट्रेनों का संचालन हो रहा है.

नए डिब्बों का निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्टरी, चेन्नई, मॉडर्न कोच फैक्टरी, रायबरेली और रेल कोच फैक्टरी, कपूरथला में किया जाएगा. निविदा की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर है. निविदा पूर्व बैठक 21 सितंबर को आयोजित की जाएगी, जिसमें निविदा से पहले के सवाल जमा करने की कट-ऑफ तारीख 14 सितंबर होगी. निविदा 28 अगस्त को जारी की गयी.

इसमें वंदे भारत ट्रेनों के 58 रेक के लिए ‘ट्रैक्शन प्रोपल्शन इलेक्ट्रिक्स’ के डिजाइन, विकास, निर्माण, एकीकरण और परीक्षण के लिए बोलियां आमंत्रित की गई हैं. प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा था कि आजादी के 75 साल के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के 75 सप्ताह में रेलवे दूर-दराज के क्षेत्रों को जोड़ने के लिए 75 वंदे भारत ट्रेनें शुरू करेगा. रेलवे ने पिछले साल सितंबर में 44 सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों की खरीद के लिए एक संशोधित निविदा जारी की थी, जिसमें 75 प्रतिशत स्वदेशी उपकरण अनिवार्य किया गया.

इसके बाद सरकार ने महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए तीन वैश्विक निविदाओं को रद्द कर दिया. एक अधिकारी ने कहा कि नवीनतम निविदा के साथ 102 ऐसी ट्रेनें मार्च 2024 तक रेलवे को आपूर्ति की जाएंगी. इनमें से 75 ट्रेनें 15 अगस्त, 2023 तक आपूर्ति की जाएंगी. उन्नत सुविधाओं, बैठने के लिए बेहतर जगह, सुरक्षा और निगरानी प्रणाली तथा आपात स्थितियों के लिए डिजाइन की गई सुविधाओं के साथ वंदे भारत की अगली खेप जून 2022 से व्यावसायिक रूप से उपलब्ध होने की उम्मीद है.

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