रायपुर। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में बारिश की कमी, खंड वर्षा और अल्प वर्षा के मद्देनजर विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर सार्वभौम पीडीएस के लिए पर्याप्त चावल का भण्डारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने खरीफ वर्ष 2019-20 और 2020-21 में किसानों से समर्थन मूल्य में खरीदे गए धान का निराकरण, समितियों से धान का उठाव, कस्टम मिलिंग और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और छत्तीसगढ़ खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम (नॉन) में निर्धारित मात्रा में चावल की आपूर्ति के संबंध में विस्तार से समीक्षा की. बैठक नवीन विधायक कॉलोनी पुरैना स्थित सरगुजा कुटीर में आयोजित हुई.

बैठक में नॉन के अधिकारियों ने बताया कि सार्वभौम पीडीएस के लिए उनके पास दो माह का राशन भण्डारित है. खाद्य गाइडलाइन के अनुसार पीडीएस के लिए तीन माह का राशन भण्डारण होना चाहिए. कुछ जिलों में एक से डेढ़ माह का भण्डारण है. दुर्गम और दूरस्थ स्थानों में राशन उपलब्ध कराया जा रहा है. मंत्री भगत ने मार्कफेड के अधिकारियों को सार्वभौम पीडीएस के लिए शेष एक महीने के राशन भण्डारण के लिए भी चावल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. उन्होंने सार्वभौम पीडीएस के लिए जिलेवार राशन की उपलब्धता की जानकारी ली. जहां राशन की कमी है वहां तत्काल राशन उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए. मंत्री भगत ने बैठक में खरीफ वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य में खरीदे गए धान के निराकरण की स्थिति की भी जानकारी ली.

अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में 92.02 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी की गई है. इसमें से 91.32 लाख मीटरिक टन धान का निराकरण समितियों से हो गया है. समितियों में लगभग 70 हजार मीटरिक टन धान उठाव के लिए शेष है. इनमें कवर्धा में लगभग 24 हजार मीटरिक टन, महासमुंद में 16 हजार मीटरिक टन और राजनांदगांव जिले के समितियों में लगभग 12 हजार मीटरिक टन धान उठाव के लिए शेष है. समितियों में शेष धान के उठाव के लिए विभाग द्वारा निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है. 10 सितंबर तक समितियों में शेष धान का निराकरण कर दिया जाएगा. मंत्री भगत ने कहा कि आगामी माहो में खरीफ वर्ष 2021-22 के लिए धान की खरीदी की जाएगी. अतः पिछले वर्ष में खरीदे गए धान का निराकरण नियमित मॉनिटरिंग कर पूर्ण किया जाए.

मंत्री भगत ने भारतीय खाद्य निगम और छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम में जमा कराए जाने वाले चावल की स्थिति की भी समीक्षा की. अधिकारियों ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम में निर्धारित लक्ष्य 24 लाख मीटरिक टन चावल जमा कराने के विरूद्ध 17.77 लाख मीटरिक टन और नॉन में 30.75 लाख मीटरिक टन चावल जमा कराने के विरूद्ध 25.44 लाख मीटरिक टन चावल जमा किया जा चुका है, जो कुल जमा कराए जाने वाले चावल का 79 प्रतिशत है. उन्होंने मिलरों से सतत् समन्वय और मॉनीटरिंग कर कस्टम मिलिंग में तेजी लाते हुए शेष चावल शीघ्र जमा कराना सुनिश्चित करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए.

खाद्य मंत्री भगत ने खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में धान उर्पाजन के लिए बारदाने की स्थिति की भी समीक्षा की. अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष धान खरीदी के लिए लगभग 5.25 लाख गठान बारदाने की आवश्यकता पड़ेगी. केन्द्र सरकार द्वारा चावल उर्पाजन के लिए 1.79 लाख गठान बारदानों की आपूर्ति जूट कमिश्नर के माध्यम से किए जाने की सहमति दी गई है. राशन दुकानों और मिलरों से भी बारदाने लिया जाएगा. बारदाने की संभावित कमी 1.61 लाख गठान बारदानों की पूर्ति खुली निविदा से जूट-एचडीपीई बैग के माध्यम से किए जाने की योजना है. मंत्री भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों से समर्थन मूल्य में धान खरीदने के लिए प्रतिबद्ध हैं. किसानों को धान बेचने में किसी प्रकार की परेशानी न हो इसलिए पर्याप्त मात्रा में बारदाने की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए.

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