रायपुर.जल संसाधन विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने कोरबा के ठेकेदार मेसर्स अशोक कुमार मित्तल को स्वीकृत किये गये करीब 50 करोड़ के टेंडर को निरस्त कर दिया है.इस फर्म को पैरी सिंचाई परियोजना के दांयी तट नहर लाइनिंग के काम के लिये टेंडर दिया गया था.फर्म ने जलसंसाधन विभाग और छत्तीसगढ़ सिंचाई परियोजना मंडल को गुमराह करते हुए टेंडर तो हासिल कर लिया. बाद में जांच में पता चला कि इस फर्म ने नियमों का उल्लंघन करते हुए कई जानकारियां छिपाई और इसी आधार पर जल संसाधन विभाग ने आज इस टेंडर को निरस्त कर दिया है.
इस फर्म के खिलाफ अशेष पटेल और अभिषेक अग्रवाल नामक ठेकेदारों ने शिकायत की थी कि अशोक कुमार मित्तल ने विभाग के साथ किये अनुबंध में कई प्रकार की जानकारियां छिपाई है. शिकायत में तथ्य के साथ यह जानकारी दी गई कि मेसर्स अशोक कुमार मित्तल ने पैसा कमाने के चक्कर में कई विभागों का टेंडर हासिल किया,लेकिन काम ज्यादा ले लेने के कारण किसी भी काम को निर्धारित समयसीमा में पूरा नहीं किया.स्थिति यह है कि अभी भी ज्यादातर काम आधा अधूरा निर्माण की स्थिति में है.टेंडर के संबंध में यह नियम निर्धारित किया गया है कि टेंडर फार्म भरते समय शासन के सभी विभागों में हासिल किये गये टेंडर की संपूर्ण जानकारी देने का प्रावधान है,लेकिन मेसर्स अशोक कुमार मित्तल ने इस नियम का उल्लंघन करते हुए जानकारियां छिपा दी थी.
इन अनियमितताओं की शिकायत मिलने के बाद विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने जांच कराई और जांच में शिकायत को सही पाया.उन्होनें इस बात की जानकारी छत्तीसगढ़ सिंचाई परियोजना मंडल और विभागीय मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को दी.इन दोनों स्थानों से कार्रवाई की स्वीकृति मिलने के बाद मेसर्स अशोक कुमार मित्तल को जारी किये जाने वाले टेंडर को निरस्त कर दिया गया है.जल संसाधन विभाग की इस कार्रवाई के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग ने भी मेसर्स अशोक कुमार मित्तल का रजिस्ट्रेशन निलंबित कर दिया है.