नई दिल्ली। दिल्ली जल बोर्ड उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और सीवेज पंपिंग स्टेशनों के लिए जल्द भूमि आवंटन के लिए डीडीए उपाध्यक्ष से मुलाकात की. राघव चड्ढा ने कहा कि सीवेज की बढ़ती समस्या का समाधान विकेंद्रीकृत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और सीवेज पंपिंग स्टेशनों के जरिए संभव है. डीडीए को बिना किसी देरी के भूमि आवंटित करनी चाहिए.
राघव चड्ढा ने बताया समस्या का समाधान
दिल्ली जल बोर्ड उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने विकेन्द्रीकृत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और सीवेज पंपिंग स्टेशनों के लिए जल्द भूमि आवंटन के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के उपाध्यक्ष से मुलाकात की. वर्तमान में दिल्ली जल बोर्ड जमीन नहीं होने के कारण डीएसटीपी और एसपीएस के प्रस्तावित निर्माण कार्यों को नहीं कर पा रहा है, जबकि दिल्ली के ऐसे क्षेत्रों में सीवरेज नेटवर्क के विस्तार की जरूरत है, जहां पर सीवरेज की सही व्यवस्था नहीं है.
बैठक में राघव चड्ढा ने बताया कि सीवेज कनेक्टिविटी की कमी वाले क्षेत्रों में सीवरेज सुविधाएं प्रदान करना दिल्ली जल बोर्ड पर निर्भर है. इसके अलावा बिना दिक्कत और आसानी से पानी सहित अन्य सेवाएं और सुविधाएं प्रदान करने के लिए डीजेबी की टीमें दिन-रात काम कर रही हैं. दिल्ली के लोगों की शिकायतों का भी तेजी से निपटारा किया जा रहा है.
राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली में आबादी बढ़ने की वजह से सीवेज में भी वृद्धि हुई है, जिसका प्राथमिकता के आधार पर शोधन करने की आवश्यकता है. डीएसटीपी और एसपीएस का निर्माण कर सीवरेज का निपटारा किया जा सकता है, जिसके लिए डीडीए द्वारा दिल्ली जल बोर्ड को जल्द भूमि आवंटित करने की आवश्यकता है, क्योंकि डीजेबी के पास उन संबंधित क्षेत्रों में अपनी जमीन नहीं है, जहां पर डीएसटीपी और एसपीएस स्थापित करने की आवश्यकता है. दिल्ली जल बोर्ड के विभिन्न अधिकारी नियमित रूप से डीडीए के साथ एक साल से औपचारिक पत्राचार और बैठकें कर रहे हैं.
तत्काल जमीन आवंटित करने की मांग
उन्होंने कहा कि वर्तमान मांग के हिसाब से डीडीए द्वारा चिन्हित 37 स्थानों पर तत्काल जमीन आवंटित की जाए. शहरीकृत गांवों में दिल्ली जल बोर्ड को डीएसटीपी और एसपीएस के निर्माण के लिए भूमि की जरूरत है, ताकि दिल्ली के गैर-सीवर वाले क्षेत्रों में सीवरेज निपटान के लिए विकेन्द्रीकृत एसटीपी-एसपीएस का निर्माण किया जा सके.
इस दौरान आवश्यक भूमि के आवंटन के लिए डीडीए से औपचारिक अनुरोध किया गया है. क्योंकि डीडीए सरकारी भूमि का संरक्षक है. डीडीए और डीजेबी द्वारा डीएसटीपी-एसपीएस निर्माण के लिए भूमि का संयुक्त निरीक्षण भी किया गया है.