नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली सरकार का विजन देश की आजादी की 100वीं वर्षगांठ से पहले राष्ट्रीय राजधानी में ओलंपिक खेलों का आयोजन करना है. सिसोदिया कल दिल्ली खेल विश्वविद्यालय के प्रबंधन बोर्ड की पहली बैठक में शामिल हुए थे, जहां उन्होंने इस विषय में चर्चा की.
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मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली खेल विश्वविद्यालय गेम्स को लेकर ऐसा माहौल बनाएगा कि देश का हर व्यक्ति खेल को भी शिक्षा का क्षेत्र मानेगा. उन्होंने कहा कि हम देश की आजादी की 100वीं वर्षगांठ से पहले दिल्ली में ओलंपिक कराना चाहते हैं. उन्होंने इसमें दिल्ली खेल विश्वविद्यालय की भूमिका को अहम बताया.
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डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि खेल विश्वविद्यालय को शुरू करने का हमारा मकसद ही ये है कि खेलों को शिक्षा का दर्जा मिले. उन्होंने कहा कि देश में बहुत प्रतिभा है, हमारे खिलाड़ियों में बहुत माद्दा है, लेकिन वर्तमान में माता-पिता पढ़ाई के सामने खेलों को कमतर मानते हैं और अपने बच्चों से यही अपेक्षा करते हैं कि वे पढ़ाई में बेहतर करें और अच्छी नौकरी हासिल करें. हमारे देश में कोई भी स्कूल या विश्वविद्यालय खेल को शिक्षा नहीं मानता है, लेकिन इस विश्वविद्यालय में ऐसा नहीं होगा. डीएसयू में प्लेयर्स का गेम उनकी शिक्षा होगी. डीएसयू पूरे भारत में ऐसा माहौल बनाएगा कि हर व्यक्ति कह सके कि खेलना भी एक तरह की पढ़ाई ही है.
देश में खेल के बुनियादी ढांचे और कोचिंग की कमी: कर्णम मल्लेश्वरी
दिल्ली खेल विश्वविद्यालय की कुलपति कर्णम मल्लेश्वरी ने कहा कि देश में एक से बढ़कर एक खेल प्रतिभाएं हैं. बस जरूरत है उन्हें सही प्लेटफॉर्म की और समर्थन की. उन्होंने कहा कि देश में खेल के बुनियादी ढांचे और कोचिंग की कमी है, लेकिन दिल्ली खेल विश्वविद्यालय इन कमियों को दूर करेगा. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय भारत के हर राज्य से खेल प्रतिभाओं को प्रवेश देगा और उनके प्रदर्शन में सुधार के लिए काम करेगा, ताकि वे ओलंपिक में पदक जीत सकें और अपने खेल के विश्व चैंपियन बनें.