सुप्रिया पांडे,रायपुर। 10 सितंबर से गणेश उत्सव मनाया जाएगा. रायपुर जिला प्रशासन ने गणेश उत्सव को लेकर संशोधित गाइडलाइन जारी किया है. अब गणेश जी मूर्ति की अधिकतम 8 फीट तक रख सकते हैं. लेकिन प्लास्टर ऑफ पेरिस से निर्मित मूर्ति की स्थापना और बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है. धुमाल बजाने के लिए भी अनुमति मिली है, लेकिन निर्धारित स्थान पर ही धुमाल बजाया जा सकेगा. मूर्ति स्थापना और विसर्जन के दौरान धूमाल नहीं बजा पाएंगे. इसके अलावा और किसी नियम को नहीं बदला गया है. जिला प्रशासन ने 24 बिंदुओं पर दिशा निर्देश जारी किया है.
ये हैं गणेश उत्सव गाइडलाइन के 24 बिंदु
- मूर्ति की उंचाई 8 फिट से अधिक न हो.
- मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15X15 फिट से अधिक न हो.
- पंडाल के सामने कम से कम 5000 वर्ग फिट की खुली जगह हो.
- पंडाल और सामने 5000 वर्गफिट की खुली जगह में कोई भी सड़क या गली का हिस्सा प्रभावित न हो.
- पंडाल के सामने दर्शको के बैठने के लिए पृथक से पंडाल न हो. दर्शकों और आयोजकों के बैठने के लिए कुर्सी नहीं लगाए जाएंगे.
- किसी भी एक समय में पंडाल या सामने मिलाकर 50 व्यक्ति से अधिक न हो.
- मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति या समिति एक रजिस्टर संधारित करेगी. जिसमें दर्शन के लिए आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम पता मोबाइल नबंर दर्ज किया जाएगा. ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कांन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके.
- मूर्ति दर्शन या पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जाएगा. ऐसा पाए जाने पर संबधित और समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्रावई किया जाएगा.
- मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति या समिति द्वारा सैनेटाइजर थर्मल स्क्रिनिंग, ऑक्सीमीटर, हेडवाश और क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी. थर्मल स्क्रिनिंग में बुखार पाये जाने, कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की होगी.
- व्यक्ति या समिति द्वारा फिजिकल डिसटेंसिंग आगमन और प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बांस बल्ली से बेरिकेटिंग कराकर कराया जाएगा.
- यदि कोई व्यक्ति जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है, तो इलाज का संपूर्ण खर्च मूर्ति स्थापना करने वाला व्यक्ति या समिति की होगी.
- कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी. यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है, तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी.
- मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय या विसर्जन के बाद किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा, जगराता और सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी.
- मूर्ति स्थापना के समय स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय और विसर्जन के बाद किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी. निर्धारित जगह पर ही धुमाल बजा सकेंगे.
- मूर्ति स्थापना औऱ विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी.
- मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी.
- मूर्ति विसर्जन के लिए पिकअप, टाटाएस (छोटाहाथी) से बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा.
- मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी.
- मूर्ति विसर्जन के लिए 4 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे और वे मूर्ति के वाहन में ही बैठेगे. पृथक से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी.
- मूर्ति विसर्जन के लिए प्रयुक्त वाहन पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं रोकने की अनुमति नहीं होगी.
- विसर्जन के लिए नगर निगम द्वारा निर्धारित रूट मार्ग, तिथि और समय का पालन करना होगा. शहर के व्यस्त मार्गो से मर्ति विसर्जन वाहम को ले जाने की अनुमति नहीं होगी. सामान्य रूप से सभी वाहन रिंग रोड के माध्यम से ही गुजरेंगे.
- विसर्जन के मार्ग में कही भी स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी.
- सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी.
- इन शर्तों के साथ घरों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी. यदि घर से बाहर मुर्ति स्थापित किया जाता है, तो कम से कम 3 दिवस पूर्व नगर निगम के संबंधित जोन कार्यालय में निर्धारित शपथ पत्र मय आवेदन देना होगा. अनुमति प्राप्त होने के बाद ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी.
- इन सभी शर्तो के अतिरिक्त केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा समय समय पर जारी निर्देश-आदेश का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा.
देखें आदेश
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