नई दिल्ली। अफगानिस्तान में सरकार बनाने की कगार पर पहुंच गए तालिबान ने भारत को छोड़ छह देशों को कार्यक्रम के लिए न्योता भेजा है. इनमें रूस और चीन के अलावा पाकिस्तान, कतर, तुर्की और ईरान शामिल है. चीन, रूस, तुर्की और पाकिस्तान के अफगानिस्तान स्थित दूतावास अभी भी पहले की ही तरह काम जारी रखे हुए हैं.
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने एक दिन पहले ही सरकार गठन को अगले सप्ताह तक स्थगित करने का एलान किया था. उसने कहा था कि तालिबान एक ऐसी सरकार बनाने के लिये संघर्ष कर रहा है, जो समावेशी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्वीकार्य हो. बता दें कि इसके पहले भी दो बार तालिबान की ओर से सरकार बनाने की कवायद हुई थी, जिसके बाद आखिरी समय में कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया था.
तालिबान को चीन का आसरा
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि चीन की ‘वन बेल्ट, वन रोड’ पहल का समर्थन करता है, जो बंदरगाहों, रेलवे, सड़कों और औद्योगिक पार्कों के विशाल नेटवर्क के जरिए चीन को अफ्रीका, एशिया और यूरोप से जोड़ेगी. मुजाहिद ने यह भी कहा था कि तालिबान क्षेत्र में रूस को भी एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में देखता है, और वह रूस के साथ अच्छे संबंध बनाए रखेगा.