शब्बीर अहमद, भोपाल। कोरोना, डेंगू के बाद मध्य प्रदेश में स्क्रब टायफस ने चिंता बढ़ा दी है। प्रदेश के कई जिलों में स्क्रब टायफस के मरीज मिलने के बाद प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। स्क्रब टायफस को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने गाइडलाइन जारी की है।
स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों में जरूरी व्यवस्थाएं करने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही इलाज को लेकर भी गाइडलाइन जारी की गई है। आपको बता दें रायसेन, सतना, नरसिंहपुर, कटनी और दमोह में इस बीमारी के मरीज मिले हैं।
ये लक्षण हैं तो तुरंत पहुंचें अस्पताल
डॉक्टर गुप्ता के मुताबिक यह बीमारी लार्वा माइट्स के द्वारा काटे जाने के 10 दिनों के अंदर दिखती है। शुरुआत में ठंड के साथ बुखार आएगा. इसके बाद सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द होगा. बीमारी बढ़ने पर काटने वाली जगह का रंग गहरा लाल हो जाता है। उस पर पपड़ी जम जाती है। हालत बिगड़ने पर मलेरिया, इंसेफलाइटिस या कोमा में भी मरीज जा सकता है। कुछ मरीजों में ऑर्गन फेल होने और ब्लीडिंग से भी मौत के मामले आ सकते हैं।
बीमारी के लक्षण
इसकी शुरुआत बुखार और शरीर पर चकत्ते पड़ने से होती है। आगे चलकर यह शरीर के नर्वस सिस्टम, दिल, गुर्दे, श्वसन और पाचन प्रणाली को प्रभावित करता है। इस बुखार के पीड़ितों में निमोनिया, इंसेफलाइटिस, ऑर्गन फेलियर और इंटर्नल ब्लीडिंग के साथ ही एक्यूट रेसपिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS) का खतरा रहता है। हालांकि अच्छी बात ये है कि ये बीमारी इंसानों से दूसरे इंसानों में नहीं फैलती।
इस बीमारी से बचने के लिए क्या करें
घर के आस-पास घास या झाड़ियां न उगने दें। हमेशा साफ और फुल कपड़े पहनें, आसपास जलजमाव न होने दें। खेतों में काम करते समय हाथ व पैरों को अच्छे से ढंक कर रखें।