मनोज उपाध्याय, मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में लोकायुक्त की टीम ने मंगलवार दाेपहर मुरैना के उद्योग एवं व्यापार केंद्र कार्यालय के बाबू को 3 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ दबोचा है. उद्याेग एवं व्यापार केंद्र का बाबू, एक बेरोजगार युवक को डेयरी के लिए लोन दिलाने के एवज में 15 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा था. युवक पहली किश्त के 2 हजार रुपए दे चुका था. दूसरी किश्त के रुपयों के साथ बाबू लोकायुक्त के हत्थे चढ़ गया.

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दरअसल, मंगलवार दोपहर 12 बजे ग्वालियर लोकायुक्त इंस्पेक्टर बृजमोहन सिंह नरवरिया की अगुआई में 12 सदस्यीय टीम नेशनल हाईवे किनारे शिवनगर स्थित व्यापार एवं उद्योग केंद्र में पहुंची. लोकायुक्त की टीम सीधे स्वरोजगार योजना की शाखा में घुसे. जहां बैठे बाबू देवेन्द्र गुप्ता को लोकायुक्त अफसरों ने अपना परिचय दिया और खड़ा होने को कहा. कांपते और पसीना पोंछते हुए बाबू खड़ा हुआ तो, लोकायुक्त कर्मचारियों ने उनकी पैंट की जेब से रुपए निकलवाए. इन रुपयों का धुलवाया तो केमिकल वाला पानी गुलाबी रंग का हो गया.

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बता दें कि उद्योग एवं व्यापार केंद्र के घूंसखोर बाबू देवेन्द्र गुप्ता को रंगे हाथ पकड़वाने वाले सेंथरा बढ़ई गांव के 35 वर्षीय विनोद सिंह पुत्र रामवरण सिंह गुर्जर ने बताया कि उसने मार्च महीने में 7 लाख के डेयरी लोन के लिए आवेदन दिया था. 6 महीने से बाबू देवेन्द्र गुप्ता उसे बहाने बनाकर टहला रहा था. अंत में बाबू ने लोन प्रकरण को बैंक तक भेजने के एवज में 20 हजार रुपए मांगे. विनोद सिंह के अनुसार वह बाबू को 15 हजार रुपये देने तैयार हो गया. इसके बाद शनिवार 4 सितंबर को उसने 2000 रुपए बाबू को दिए. मंगलवार को वह 3000 रुपए की दूसरी किश्त देने से पहले सोमवार को लोकायुक्त के पास पूरे सबूतों के साथ पहुंच गया. लोकायुक्त टीम ने उसे केमिकल वाले रुपए देकर भेजा और रंगे हाथ घूंसखोर बाबू को दबोच लिया.

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