नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर में इस बार काफी जानें चली गईं. सेकेंड वेव के कारण कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया. कई लोगों की नौकरी भी चली गई. आर्थिक रूप से भी कोरोना ने लोगों को काफी नुकसान पहुंचाया. अब इसका कहर धीरे-धीरे कम हो रहा है. हालांकि तीसरी लहर की आशंका के बीच कई राज्यों में एहतियात बरती जा रही है. ज्यादातर राज्यों में स्कूलों और कॉलेजों को दोबारा खोला जा चुका है, तो कुछ राज्यों में अभी इसे खोले जाने की तैयारी की जा रही है.
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अभिभावकों की सहमति जरूरी
देश की राजधानी दिल्ली में भी कोरोना का कहर कम होने के बाद 9वीं से 12वीं तक की कक्षा के स्कूल खोल दिए गए हैं. हालांकि स्कूलों में जाने से पहले माता-पिता की लिखित सहमति जरूरी है. दिल्ली सरकार ने पहले ही यह स्पष्ट किया था कि किसी भी छात्र को स्कूल आने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा. इधर पहली से 8वीं तक के स्कूलों को खोले जाने का अब भी इंतजार किया जा रहा है. इन सबके बीच छठी से आठवीं तक के स्कूलों को खोले जाने को लेकर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बड़ी जानकारी दी है.
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मनीष सिसोदिया ने दी जानकारी
शिक्षा विभाग का भी प्रभार संभाल रहे मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की बैठक में इस पर चर्चा होगी. इसके बाद फैसला लिया जाएगा कि दिल्ली में 6वीं से 8वीं कक्षा के स्कूल कब खोले जाएंगे.
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डीडीएमए ने जारी किए थे दिशा-निर्देश
वहीं, दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने भी स्कूल फिर से खोलने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए थे. इसमें कहा गया है कि सभी की अनिवार्य रूप से थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी है. लंच भी अलग-अलग समय पर चरणबद्ध तरीके से हो, कक्षा में विद्यार्थियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो और बाहरी व्यक्तियों को आने से रोका जाए. वहीं जो भी कंटेनमेंट जोन हैं, वहां से टीचर्स, स्टूडेंट्स और अन्य स्टाफ को आने की अनुमति नहीं होगी.