शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश के खरगोन के बिस्टान थाने में पुलिस हिरासत में आदिवासी युवक की मौत मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. मृतक विचाराधीन कैदी के परिजनों की शिकायत के बाद एसपी ने कार्रवाई करते हुए 4 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. जिसमें एसआई जितेंद्र कवचे, प्रधान आऱक्षक आवेश शेख, आरक्षत भरत मिलन यादव और आरक्षक हरिओम मीणा शामिल हैं.

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दरअसल, तीन दिन पहले बिस्टान पुलिस ने चोरी और लूट के संदेह में 12 लोगों को हिरासत में लिया था. पुलिस हिरासत में बिसेन नाम के एक आदिवासी युवक की मौत हो गई. युवक की मौत से आक्रोशित आदिवासी समाज के लोगों ने थाना पर धावा बोल दिया. सैकड़ों की संख्या में आए आदिवासियों ने थाने पर पथराव कर दिया और जमकर तोड़फोड़ मचाई. घटना में 3 पुलिस कर्मियों को चोट आई. उग्र आदिवासियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोलों का उपयोग किया.

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बता दें कि कांग्रेस ने घटना के बाद सरकार पर आदिवासी वर्ग के साथ दमन और उत्पीड़न का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने मामले में उच्च स्तरीय जांच के साथ ही दोषियों पर कार्रवाई और पीड़ित परिवारों की मदद की मांग की है. मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जांच कमेटी का गठन किया है. पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधो के अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई गई है. जिसमें 4 सदस्य शामिल हैं.

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