वीरेंद्र गहवई,बिलासपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के 45 आईएएस (IAS) अफसरों की मुश्किलें अब बढ़ती नजर आ रही है. इन अधिकारियों के खिलाफ 10 से 15 साल पहले की गई शिकायतें आज भी लंबित है. उन शिकायतों पर निष्पक्ष जांच कराने के लिए आरटीआई विशेषज्ञ राजकुमार मिश्रा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. मामले में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने IAS अधिकारियों के खिलाफ हुई शिकायतों की विस्तृत जानकारी तलब की है.
प्रदेश में कई IAS अफसरों के खिलाफ लंबे समय से शिकायती प्रकरण बनाकर ठंडे बस्ते में डाल दिए गए हैं. दिसंबर 2015 में विधानसभा में प्रदेश के आईएएस अधिकारियों के खिलाफ लंबित शिकायती प्रकरणों पर प्रश्न पूछा गया था. इस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री ने वर्ष 2016 तक 45 आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध शिकायती प्रकरण लंबित होने की बात कही थी.
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इसके बाद से आरटीआई विशेषज्ञ राजकुमार मिश्रा ने मामले में आरटीआई से जानकारी जुटाना शुरू किया. इसके साथ ही 2021 में आईएएस अधिकारियों के खिलाफ लंबित शिकायती प्रकरणों की निष्पक्ष जांच के लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की. डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान आईएएस अधिकारियों के खिलाफ दर्ज शिकायतों की विस्तृत जानकारी मांगी है.
इस मामले में आरटीआई विशेषज्ञ राजकुमार मिश्रा का कहना है कि कुल 45 आईएएस अधिकारी ऐसे हैं, जिनके ऊपर शिकायती प्रकरण 10, 12 या 15 साल से लंबित है. भाजपा या कांग्रेस सरकार कोई भी यह निर्णय नहीं कर पाई कि इन शिकायती प्रकरणों पर जांच करनी है या नहीं.
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