बिलासपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा अनुसूचित जाति, जनजाति अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण संशोधन अधिनियम को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. इस मामले में सुनवाई के दौरान राज्य शासन के अधिवक्ता ने कोर्ट में मामला मेंशन कर बताया कि इसी तरह का मामला सुप्रीम कोर्ट में लगा हुआ है, उसकी जानकारी प्रस्तुत करने के लिए उन्होंने समय ले लिया. पक्षकारों की अनुपस्थिति में कोर्ट से समय मांगे जाने पर कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को भी समय देने की बात कही. मामला अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है.

गौरतलब है कि गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति एकेडमी की ओर से अध्यक्ष के सी खांडे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका प्रस्तुत की है. इसके अलावा 17 और मामले हाईकोर्ट में प्रस्तुत किए गए हैं. इसमें राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ लोक सेवा अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण संशोधन अधिनियम लागू करने को चुनौती दी गई है.

इसमें बताया गया है कि अनुसूचित जाति का आरक्षण 12 फीसदी कर दिया गया है, जबकि उनको 16 फीसदी आरक्षण मिल रहा था. इसी तरह अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को बढ़ाकर 20 से 32 फीसदी कर दिया गया है, जबकि ओबीसी का आरक्षण पूर्ववत 14 फीसदी है. आरक्षण बढ़ाए जाने से कुल आरक्षण बढ़कर 58 फीसदी हो गया है, जो 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता.

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