सदफ हामिद, भोपाल। राजधानी में डेंगू के बाद अब स्क्रब टाइफस ने भी अपनी दस्तक दे दी है। स्क्रब टाइफस के दो मरीजों का चिरायु अस्पताल में इलजा चल रहा है। दोनों मरीज सिंहरौली और पवई(पन्ना) से इलाज कराने राजधानी भोपाल आए हैं। इसके साथ ही प्रदेश में स्क्रब टाइफस से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 20 हो गया है।
वहीं डेंगू का प्रकोप भी लगातार बढ़ते ही जा रहा है। भोपाल में डेंगू के 16 नए मरीज मिले हैं। इसके साथ ही राजधानी में डेंगू का आंकड़ा बढ़कर 142 हो गया है।
ये लक्षण हैं तो तुरंत पहुंचें अस्पताल
डॉक्टर गुप्ता के मुताबिक यह बीमारी लार्वा माइट्स के द्वारा काटे जाने के 10 दिनों के अंदर दिखती है। शुरुआत में ठंड के साथ बुखार आएगा. इसके बाद सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द होगा। बीमारी बढ़ने पर काटने वाली जगह का रंग गहरा लाल हो जाता है। उस पर पपड़ी जम जाती है। हालत बिगड़ने पर मलेरिया, इंसेफलाइटिस या कोमा में भी मरीज जा सकता है। कुछ मरीजों में ऑर्गन फेल होने और ब्लीडिंग से भी मौत के मामले आ सकते हैं।
बीमारी के लक्षण
इसकी शुरुआत बुखार और शरीर पर चकत्ते पड़ने से होती है। आगे चलकर यह शरीर के नर्वस सिस्टम, दिल, गुर्दे, श्वसन और पाचन प्रणाली को प्रभावित करता है। इस बुखार के पीड़ितों में निमोनिया, इंसेफलाइटिस, ऑर्गन फेलियर और इंटर्नल ब्लीडिंग के साथ ही एक्यूट रेसपिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS) का खतरा रहता है। हालांकि अच्छी बात ये है कि ये बीमारी इंसानों से दूसरे इंसानों में नहीं फैलती।
इस बीमारी से बचने के लिए क्या करें
घर के आस-पास घास या झाड़ियां न उगने दें. हमेशा साफ और फुल कपड़े पहनें, आसपास जलजमाव न होने दें। खेतों में काम करते समय हाथ व पैरों को अच्छे से ढंक कर रखें।
क्या यह कोई नई बीमारी है
डॉक्टर रितु गुप्ता के मुताबिक यह 20वीं शताब्दी में पहली बार चिह्नित किया गया था। सामान्यत: यह बीमारी ठंडे व पहाड़ी क्षेत्रों में पायी जाती है। इस बीमारी के बैक्टीरिया का पता लगाने के लिए खून की जांच के साथ अन्य जांचें करानी पड़ती हैं। सामान्य मामलों में बीमारी के लक्षण आमतौर पर बिना इलाज के ही दो हफ्तों में गायब हो जाते हैं।
क्या स्क्रब टाइफस की वैक्सीन है
अभी तक इस बीमारी से बचाने के लिए टीका नहीं बन पाया है। पीड़ित को एंटीबायोटिक डॉक्सीसाइक्लिन दी जाती हैं। शुरुआत में ही डॉक्सीसाइक्लिन से इलाज कराने वाले मरीज आमतौर पर जल्दी ठीक हो जाते हैं। यदि बच्चों के साथ रहते हैं, तो उनके हाथ-पैरों को ढंक कर रखें। छोटे बच्चों को मच्छरदानी में रखें. बच्चों के चेहरे पर कीड़े भगाने वाली क्रीम भी लगा सकते हैं। यदि आपको कोई भी कीड़ा काट ले, तो तुरंत साफ पानी से उस हिस्से को धोकर एंटीबायोटिक दवा लगा लें।