रायपुर। बस्तर के नाम को देश-दुनिया में अपनी कारगुजारियों से खराब करने वाले नक्सलियों को हाशिए पर लाने के लिए पुलिस के ‘लोन वर्राटू’ अभियान शुरू किया था, इसके विपरित इस ‘पूना नर्कोम’ अभियान के जरिए आदिवासी युवाओं को समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जा रहा है. अभियान की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि महीनेभर में ढाई हजार से ज्यादा आदिवासी युवा जुड़ चुके हैं.

‘पूना नर्कोम’ की शुरुआत करने वाले सुकमा जिला पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा बताते हैं कि इसका उद्देश्य आदिवासी समाज को  मुख्यधारा जोड़ने के साथ-साथ उनके कल्याण के लिए काम करना है. 9 सितंबर को शुरू किए गए इस अभियान में महीनेभर में जिले के अंदरुनी इलाकों में रहने वाले 2500 लोगों को जोड़ा गया है, जिन्हें कोचिंग और डिजिटल ट्रेनिंग दे रहे हैं. इन युवाओं को आने वाले दिनों में निकलने वाले नौकरियों के साथ और बस्तर फाइटर के लिए तैयार किया जा रहा है.

एक तरफ जहां मासूम आदिवासी युवाओं को मुख्य धारा में जोड़ने के लिए उन्हें कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर क्षेत्र में सक्रिय नक्सली संगठनों को हाशिए पर लाने के लिए सतत् अभियान चलाया जा रहा है.

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पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा बताते हैं कि किस्ताराम एरिया कमेटी के टाइगर और देवा को पिछले महीने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. तीन को मार गिराया गया, वहीं पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. कोंटा एरिया कमेटी के एलजीएस एलओएस कमांडर के अलावा मिलिशिया कमांडर मारे जा चुके हैं. इसके अलावा अब केरलापाल एरिया कमेटी का मुखिया आठ लाख का ईनामी सोढ़ी मुइया ने अब आत्मसमर्पण कर दिया है.

एसपी कहते हैं कि आने वाले दो महीने में शेष दो नक्सली संगठन जगरगुंडा एरिया कमेटी और पामेड़ एरिया कमेटी की भी बैठफुट पर लाने की तैयारी है. नक्सलियों के बैकफुट पर जाने के जहां विकास की धारा बहने से आदिवासियों का जीवन आसान होगा, वहीं उद्योगों के क्षेत्र में आने से रोजगार के अवसर भी खुलेंगे.