नई दिल्ली। आज यानी 10 सितंबर से गणेशोत्सव 2021 की शुरुआत हो गई है. अब 10 दिनों तक बप्पा की पूजा-अर्चना पूरे धूमधाम और श्रद्धा-भक्ति के साथ की जाएगी. हर तरफ ‘गणपति बप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ’ की गूंज रहेगी.
Ganesh Chaturthi : आज भगवान गणेश की स्थापना से पहले जानिए 10 अहम बातें
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने दी गणेशोत्सव की बधाई
इधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी देशवासियों को गणेश चतुर्थी की बधाई दी. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि ”सभी देशवासियों को श्री गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं, भगवान गणपति आप सभी के जीवन में सुख, समृद्धि एवं खुशियां बनाए रखें. सर्वांना श्री गणेश चतुर्थीच्या खूप खूप शुभेच्छा. विघ्नहर्ता गणपती बप्पा तुमच्या आयुष्यात सुख, समृद्धी आणि आनंद देवो”.
इस साल दिल्ली में सार्वजनिक स्थानों पर नहीं होगी प्रतिमा स्थापित
गणेश चतुर्थी के त्योहार मनाने को लेकर दिल्ली आपदा प्रबंधन समिति (डीडीएमए) ने गाइडलाइन जारी कर दी है. डीडीएमए ने अपने आदेश में कहा है कि कोरोना की स्थिति को देखते हुए सार्वजनिक स्थानों पर गणेश चतुर्थी की पूजा नहीं की जा सकेगी. लोगों को घर पर ही त्योहार मनाने की सलाह दी गई है. दिल्ली में सभी तरह सामाजिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक और त्योहार से जुड़े कार्यक्रमों में भीड़ जुटाना और उनका सामाजिक आयोजन करना मना है. धार्मिक स्थलों पर दर्शन करने की भी मनाही है.
दिल्ली में सार्वजनिक स्थानों पर नहीं हो सकेगा गणेश चतुर्थी का आयोजन
बता दें कि हिंदी पंचांग के मुताबिक, गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल भादो मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है, जो कि अगले 10 दिनों तक यानी अनंत चतुर्दशी तक चलता है. इस साल यह पर्व या उत्सव 10 सितंबर से शुरू होकर 19 सितंबर तक चलेगा. यह त्योहार भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर पर लोग भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करते हैं और उनकी विधि-विधान से पूजा करते हैं.
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गणेश चतुर्थी की पूजन विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.
तांबे या फिर मिट्टी की गणेश जी की प्रतिमा लें.
एक कलश में जल भरें और उसके मुख को नए वस्त्र से बांध दें, फिर इस पर गणेश जी की स्थापना करें.
गणेश भगवान को सिंदूर, दूर्वा, घी और 21 मोदक चढ़ाएं और उनकी विधि-विधान पूजा करें.
गणेश जी की आरती उतारें और प्रसाद सभी में बांट दें.
10 दिन तक चलने वाले इस त्योहार में गणेश जी की मूर्ति को एक, तीन, सात और नौ दिनों के लिए घर पर रख सकते हैं.
गणेश जी की पूजा में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
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पुराणों के मुताबिक भगवान गजानन का जन्म भाद्रपद महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि को मध्याह्न काल यानी दोपहर में हुआ था. जो इस बार दोपहर 12.20 से 01.20 तक है, इसलिए ज्योतिषियों और पंडितों ने इसी समय गणेश स्थापना करने पर जोर दिया है. इसके साथ ही गणेश चतुर्थी पर मूर्ति स्थापना के लिए दिनभर में 4 शुभ मुहूर्त हैं. सूर्यास्त के बाद मूर्ति स्थापना नहीं की जाती है, लेकिन इस दिन गोधूलि मुहूर्त में गणेश स्थापना शुभ मानी गई है.
शुभ चौघड़िया में गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना के लिए मुहूर्त
सुबह 6.10 से 10.40 तक (चर, लाभ और अमृत)
दोपहर 12.25 से 1.50 तक (शुभ)
शाम 05 से 6.30 तक (चर)