दिल्ली. गणेश उत्सव का पर्व आज से शुरू हो गया है. गणपति हर बार कोई न कोई संदेश लेकर आते हैं. हमेशा ट्रेंड के हिसाब से गणपति को सजाया जाता है. इस बार गणपति फिर से कोरोना से शांति का संदेश लेकर पहुंचे हैं. यह दूसरा साल है, जब गणेश उत्सव कोरोना काल के साए में मनाया जा रहा है. ओडिशा में कलाकार गणेश मूर्तियों पर अपनी रचनात्मकता दिखा रहे हैं. पुरी में दो मूर्तिकारों ने गणेश चतुर्थी पर अपने कला का शानदार प्रदर्शन करते हुए भगवान गणेशजी की खूबसूरत प्रतिमा बनाई है.

आज से गणेश चतुर्थी का शुभारंभ हो गया है. वहीं, पुरी के एक कलाकार ने माचिस की तीलियों से गणेशजी की प्रतिमा बनाया है. जिसकी फोटो सामने आई. कलाकार सास्वत साहू ने माचिस की तीलियों से गणेशजी की मूर्ति निर्मित किया है. जिसमें सास्वत ने 5,621 माचिस की तीलियों का प्रयोग किया है. कलाकार सास्वत साहू हर साल गणेशजी की मूर्ति पर इसी तरह से कुछ न कुछ प्रयोग करते रहते हैं.

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इस बारे में सास्वत साहू का कहना है कि इस मूर्ति को बनाने में कुल 5621 माचिस की तीलियों का इस्तेमाल किया गया है. मूर्ति 23 इंच लंबी और 22 इंच चौड़ी है. सास्वत ने मीडिया को बताया कि इसे तैयार करने में उन्हें 8 दिन लगा है. वर्तमान में चल रही कोरोना महामारी के कारण, गणेश चतुर्थी का उत्सव कम हो गया है. इसलिए, मैंने कुछ नया बनाने के बारे में सोचा, मैं इस मूर्ति की पूजा अपने घर पर महामारी के बीच करूंगा.”

वहीं, ओडिशा के मशहूर सैंड आर्टिस्ट और पद्मश्री पुरस्कार विजेता सुदर्शन पटनायक ने अपने खास अंदाज में सभी को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दीं हैं. सुदर्शन पटनायक ने ओडिशा में पुरी समुद्र तट पर लगभग 7000 सीपियों से भगवान गणेशजी का एक सैंड आर्ट बनाया है. पटनायक ने कहा – ‘मुझे आशा है कि यह भगवान गणेशजी की रेत स्थापना कला के साथ दुनिया का पहला सीप का गणेश होगा.

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बता दें कि सुदर्शन पटनायक रेत से कलाकृतियां बनाने के लिए ख्यात हैं. वे अपनी कलाकृतियों के जरिए दुनिया को अलग-अलग संदेश देते हैं. पिछले साल भी उन्होंने रेत से कलाकृति बनाई थी. पटनायक का मकसद लोगों को कोरोना को लेकर जागरूक करना था.