राजनांदगांव। पहले महिला ने फोन के जरिए दोस्ती कर प्रेमजाल में फंसाया, फिर ब्लैकमेल कर खाते में करीबन पौने दो करोड़ रुपए डलवाए. बैंक बैलेंस खत्म होने के बाद भी पैसों की भूख खत्म नहीं हुई, अवैध संबंध को जगजाहिर कर देने का हवाला कर पैसों की मांग की जाने लगी. आखिरकार बार-बार पैसों की मांग से तंग आकर लोक-लाज के भय से कोई दूसरा रास्ता नहीं देख पांच पन्नों का सुसाइड नोट लिखकर फांसी लगा ली. राजनांदगांव के चर्चित संजीव जैन आत्महत्या मामले में इन्हीं पांच पन्नों ने आखिर ब्लैकमेल करने वाली महिला के साथ उसके पति और देवर को कालकोठरी में पहुंचा दिया.

10 अगस्त 2021 को हीरा-मोती लाइन निवासी 56 वर्षीय संजीव जैन पिता सुरेशचंद जैन ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. मामले में बसंतपुर थाना में मामला दर्ज कर विवेचना में लिया गया था. मृतक के शव के पास से पुलिस को पांच सीलबंद लिफाफा मिला, जिसमें मृतक को यूनियन बैंक के निखिल जैन एवं फैडरल बैंक के आशीष एवं अन्य व्यक्तियों ने 1.75 करोड़ रुपए का लोन दिलाने के नाम पर अलग-अलग समय में पैसा लिया गया, लेकिन मृतक को ना ही लोन मिला और ना ही उनका दिया हुआ पैसा मिला. पैसा मांगने पर उनके द्वारा मृतक को जान से मारने की धमकी देने का उल्लेख था.

इसके साथ ही रायपुर निवासी मानसी यादव के द्वारा मेरठ में पढ़़ाई करने के नाम पर मृतक से लाखों रुपए लिए गए थे, जिसके द्वारा भी मृतक को लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था, जिससे हताश एवं परेशान होकर कुंआ चौक नंदई स्थित अपने पुराने मकान में फांसी लगा ली थी. प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या के लिए उकसाये जाने पर थाना बसंतपुर में धारा 306, 34 भादंवि कायम कर विवेचना में लिया गया. मामले में पुलिस अधीक्षक डी. श्रवण के निर्देशन में एएसपी प्रज्ञा मेश्राम व सीएसपी लोकेश देवांगन के मार्गदर्शन में बसंतपुर थाना प्रभारी निरीक्षक आशीर्वाद रहटगांवकर के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच की गई.

मृतक के बैंक खाते का अध्ययन करने के बाद सुसाइड नोट में उल्लेख व्यक्तियों एवं मोबाइल नम्बरों के बारे में पता लगाया गया. मृतक ने सर्वाधिक राशि करीबन 1 करोड़ 77 लाख रुपए मानसी यादव के बैंक खाते में डाला गया था, जिसके बाद पुलिस टीम मानसी यादव की तलाश की जा रही थी. पुलिस की अलग-अलग टीम रायपुर, दिल्ली, उप्र भेजी गई. इसके साथ सभी जगह पुलिस ने अपने मुखबिर लगा कर रखे थे. पुलिस टीम को मुखबीर के माध्यम से सूचना मिली कि डंगनिया रायपुर स्थित मानसी यादव के बहन मधु यादव के घर में मानसी यादव सालों बाद तीज मनाने आयी है.

रांग नंबर के जरिए हुई पहचान और…

सूचना पर तत्काल टीम द्वारा घेराबंदी कर मानसी यादव को पकड़ा. मानसी यादव से पूछताछ पर अपने मेमोरण्डम कथन में बताई कि करीबन 8 वर्ष पूर्व फोन के रांग नम्बर लगने से मृतक संजीव जैन से उसकी जान पहचान हुई थी. बातचीत के दौरान मानसी को पता चला कि मृतक अत्यधिक पैसेवाला है, तब उसने मृतक को अपने प्रेमजाल में फंसाया. इस दौरान कई बार वह मेरठ (ससुराल) और रायपुर (मायके) से राजनांदगांव आई व कई बार मानसी ने मृतक को अपने पास रायपुर व मेरठ बुलाया. इस दौरान इनके बीच अनेकों बार शारीरिक संबंध बना.

नौकरी-मकान के लिए दिए पैसे

मृतक मानसी को लगातार कभी पढ़ाई के नाम पर, कभी नौकरी लगने के नाम पर व मकान खरीदने के नाम पर रकम दिया जाता था. मृतक के पैसा वापस मांगने पर मानसी बैंक से लोन लेकर रकम वापस करने की बात कह कर अपने पति ललित सिंह को मोहित शर्मा व अपने देवर कौशल सिंह को निखिल जैन व आशीष बनाकर मृतक से बात कराया गया, मानसी के पति और देवर दोनों बैंक अधिकारी बन कर मृतक से लोन दिलाने के नाम पर प्रोसेसिंग फीस के रूप में लाखों रुपए मानसी और भिन्न-भिन्न व्यक्तियों के बैंक खातों में डलवा कर ठगे गये.

पैसे देने में आनाकानी करने पर देते थे धमकी

मृतक जब भी मानसी को पैसा देने में आनाकानी करता था, तो मानसी अपने पति ललित व देवर कौशल सिंह के जरिए उसके और मृतक संजीव जैन के बीच बने अवैध संबंध को उसकी पत्नी व परिवारवालों को बताकर उसकी इज्जत खराब कर देने की धमकी देते थे, जिससे परेशान होकर मृतक संजीव जैन ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मामले में मानसी के अलावा उसके पति ललित सिंह को भी पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. शेष आरोपियों की तलाश की जा रही है.

कार्रवाई में इनका रहा योगदान

इस कार्रवाई में थाना प्रभारी बसंतपुर आशीर्वाद रहटगांवकर, उनि कमलेश बंजारे, आरक्षक विभाष सिंह, देवेन्द्र पाल, महिला आरक्षक अश्वनी निर्मलकर, सायबर सेल प्रभारी द्वारिका प्रसाद लाउत्रे, आरक्षक हेमंत साहू, आदित्य सिंह, मनीष मानिकपुरी, मनीष वर्मा, अवध किशोर साहू, मनोज खूंटे का योगदान रहा.