प्रयागराज. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं. शनिवार को राष्ट्रपति प्रयागराज पहुंचे. राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय का शुभारंभ के मौके पर राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के शिलान्यास ऐसे विशेष दिवस पर हो रहा है, जिसके विषय में जानकर हर भारतवासी को गर्व होगा. उन्होंने बताया कि इसी दिन शिकागो में आयोजित विश्व धर्म महासभा में स्वामी विवेकानंद ने अपने ऐतिहासिक संबोधन के जरिए भारत के गौरव का उद्घोष किया था. उस समय ब्रिटिश साम्राज्यवाद अपने चरमोत्कर्ष पर था, लेकिन स्वामी विवेकानंद के संबोधन से पूरा विश्व समुदाय भारत के आध्यात्मिक शक्ति के प्रति सम्मान से भर उठा था.

राष्ट्रपति ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने हर प्रकार की धर्मांधता और उत्पीड़न के समापन की आशा व्यक्त करते हुए भारत की न्याय, समानता और करुणा पर आधारित संस्कृति तथा सहिष्णुता का संदेश पूरी मानवता तक पहुंचाया था. यदि विश्व समुदाय ने 1893 में स्वामी विवेकानंद के सहिष्णुता के संदेश को पूर्ण रूप से स्वीकार कर लिया होता, तो शायद अमेरिका में वर्ष 2000 में 9/11 का मानवता विरोधी भीषण अपराध न हुआ होता.

रामनाथ कोविंद ने कहा कि आत्म विश्वास, आत्म गौरव और देश अभिमान का जो आदर्श स्वामी विवेकानंद ने 11 सितंबर 1893 को विश्व समुदाय के समक्ष रखा था, उसी पर चलते हुए मुझे विश्वास है कि हमारी युवा पीढ़ी भारत को 21वीं सदी के विश्व में शीर्षस्थ स्थान दिलाएगी. इस उद्देश्य की प्राप्ति में भारतीय न्यायपालिका को भी अपनी महती रेखांकित करनी होगी. मैं एक बार पुन: इलाहाबाद हाईकोर्ट के बार और बेंच के सभी सदस्यों को अपनी बधाई और शुभकामनाएं देता हूं.