कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। हिन्दू महासभा नाथूराम गोडसे के बाद अब गांधी की हत्या में शामिल एक और दोषी नारायण आप्टे की भी मूर्ति स्थापित करने जा रहा है। मूर्ति ग्वालियर में तैयार की गई है और इसे तैयार करने में लगभग 2 महीने का समय लगा है।मूर्ति को उत्तर प्रदेश के मेरठ में स्थापना के लिए भेजा गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसकी कानों कान किसी को खबर नहीं लग पाई। मूर्ति के मेरठ रवाना होने के बाद इसका खुलासा हुआ।
लगभग 45 हजार में तैयार की गई गांधी के हत्यारे की मूर्ति को अक्टूबर महीने में मेरठ में स्थापित की जाएगी। हिन्दू महासभा इससे पहले भी पुलिस और प्रशासन को चकमा देते रहा है, जब नाथूराम गोडसे का मंदिर और ज्ञानशाला की स्थापना हुई थी तब भी प्रशासन को भनक नहीं लगी थी। मामले ने जब तूल पकड़ा तब प्रशासन ने मूर्ति जब्त कर लिया था।
आपको बता दें महात्मा गांधी की हत्या के आरोप में पुलिस ने गोडसे, नारायण आप्टे सहित 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की हत्या के समय नारायण आप्टे, नाथूराम गोडसे के साथ खड़ा था। मामले की सुनवाई में अदालत ने नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को फांसी की सजा सुनाई। वहीं 6 अन्य आरोपियों को आजीवान कारावास और वीर सावरकर को सबूतों के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया था। गोडसे और नारायण आप्टे को 15 नवंबर 1949 को अंबाला जेल में फांसी के फंदे पर लटकाया गया था।
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