प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में जवाहर नवोदय विद्यालय की छात्रा की फांसी लगाकर मौत का मामला में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रूख अपनाया है. गुरुवार को यूपी डीजीपी मुकुल गोयल इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेश हुए. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी डीजीपी को सख्त निर्देश दिए हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी डीजीपी से कहा है कि धारा 173 का पालन करने के लिए सर्कुलर जारी करें. सभी पुलिस अधिकारियों को दो माह के अंदर सभी विवेचना पूरी करने के निर्देश दिए जाएं.
एक्टिंग चीफ जस्टिस एम एन भंडारी और जस्टिस ए के ओझा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा सुबह लगभग 6 बजे की घटना, लेकिन परिवार को सूचना नहीं दी. पुलिस बरामदगी के बजाय शस्त्र प्लांट करती है, बैलेस्टिक रिपोर्ट मैच न करने से अपराधी बरी होते हैं. मार्मिक टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा पैसा सब कुछ नहीं, स्वर्ग कहीं और नहीं, सब को कर्मों का फल यहीं भुगतना पड़ता है. कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा सही विवेचना न होने से अपराधी छूट रहे हैं. जांच में देरी से भी साक्ष्य नहीं मिल पाते और अपराधी जानते हैं कुछ नहीं होगा. पुलिस को प्रशिक्षण देने की भी जरूरत है. मामले की जांच ठीक से नहीं की गई. अधिकांश विवेचना कांस्टेबल करता है, दरोगा कभी कभी जाता है.
बता दें, यूपी डीजीपी मुकुल गोयल के साथ ही आईजी मोहित अग्रवाल, एसपी मैनपुरी अशोक कुमार राय और एस आईटी सदस्य भी कोर्ट में पेश हुए. इस दौरान यूपी डीजीपी मुकुल गोयल ने कोर्ट को अपर पुलिस अधीक्षक व उप पुलिस अधीक्षक पर हुई कार्रवाई की जानकारी दी.