कवर्धा. प्रदेश के परिवहन, आवास और पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन, विधि एवं विधायी कार्य विभाग के मंत्री मोहम्मद अकबर अपने एक दिवसीय कबीरधाम प्रवास के दौरान नगर पंचायत पिपरिया में 1 करोड़ 43 लाख 89 हजार रूपए की लागत के 3 कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया. वहीं मंत्री ने बोड़ला नगर पंचायत में पौनी-पसारी और सर्व समाज का मांगलिक भवन का भूमिपूजन किया.
लोकार्पण कार्यो में 74 लाख 95 हजार रूपए के डॉ भीमराव अम्बेडकर सर्व समाज मांगलिक भवन, 18 लाख 94 हजार रूपए के बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य और भूमिपूजन कार्यो में 50 लाख के आरसीसी नाली, सीसी रोड़, सामुदायकि भवन निर्माण कार्य शामिल है. इन कार्यों में मुख्य रूप से सड़क, भवन निर्माण, पुल-पुलियों से संबंधित कार्य शामिल हैं. इस दौरान मंत्री अकबर ने नगर पंचायत पिपरिया के 19 हितग्र्राहियों को राशन कार्ड भी वितरण किया. इस अवसर पर अध्यक्ष, नगर पंचायत पिपरिया महेन्द्र कुंभकार, क्रेडा के सदस्य कन्हैया अग्रवाल, उपाध्यक्ष नगर पंचायत पिपरिया शत्रुहन साहू, नीलकण्ठ चन्द्रवंशी, कलिम खान, गनपत गुप्ता, होरी राम साहू, सभापति रविन्द्र देवांगन, देवदास मिरी, कोमल पटेल, बीणा सुभाष दानी, पार्षद रामकली पटेल, विक्की अग्रवाल, मेलन पटेल, रंजना केशरी, कमलकांत नाविक, रेशम बघेल, गणेश चन्द्रवंशी, सुन्दर साहू, लोकेश साहू, एल्डरमेन रम्मन केशरी, गीताराम झारिया, सुभाष दानी सहित लेखा राजपुत, मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत पिपरिया अनिष कुमार उपस्थित थे.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री अकबर ने कहा कि भूपेश सरकार ने सत्ता में आने के बाद 36 वायदे जनता से किए थे, जिनमें 26 बडे़-बड़े वायदे पूर्ण हो चुके है, जिनमे कर्जा माफी, राशन कार्ड, तेन्दूपत्ता के समर्थन मूल्य में बढोत्तरी, सिंचाई कर में माफी आदि शामिल है. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अन्नदाता किसानों के आर्थिक समृद्धि और उनके प्रगति और किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने और फसल उत्पादकता में वृद्धि के उद्देश्य से प्रदेश में राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की गई है. कैबिनेट मंत्री ने राशन कार्ड का जिक्र करते हुए कहा कि जिन लोगो का राशन कार्ड अभी नही बना है वह अब भी आवेदन जमा कर राशन कार्ड बनवा सकते है.
कैबिनेट मंत्री अकबर ने ‘‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’’ के बारें में जानकारी दी. राज्य शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-2022 में 01 सितम्बर से 30 नवम्बर तक इस योजना के तहत पंजीयन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि भूमिहीन मजदूरों के कल्याण और उन्हें विकास के मुख्य धारा में जोड़ने के लिए यह योजना ऐसे मजदूरों के लिए संजीवनी साबित होगी. उन्होंने कहा कि इस योजना की जानकारी देते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों की पहचान तथा भूमिहीन कृषि परिवारों को वार्षिक आधार पर आर्थिक अनुदान उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा. इससे भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के आय में वृद्धि होगी. पात्र भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार के लिए 6000 रूपए प्रतिवर्ष अनुदान राशि सीधे उसके बैंक खातें में जमा करायी जाएगी. जिससे गरीब परिवारों को आर्थिक लाभ मिल सकें. उन्होंने बताया कि ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार के मुखिया को पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा. इसके लिए इच्छुक ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के मुखिया को निर्धारित समयवधि में राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के पोर्टल में पंजीयन कराना अनिवार्य होगा. पंजीयन हेतु मजदूर परिवार के मुखिया को आवश्यक दस्तावेज-आधार कार्ड, बैंक पासबुक के छाया प्रति के साथ आवेदन सचिव, ग्राम पंचायत के समक्ष प्रस्तुत करना होगा. आवेदन में यथा संभव मोबाईल नम्बर का भी उल्लेख करना होगा. ग्राम पंचायत सचिव द्वारा हितग्राही से प्राप्त आवेदन निर्धारित समय सीमा में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पास निर्धारित समय सीमा के भीतर जमा करना होगा. जहां पोर्टल में इसकी प्रविष्टी की जाएगी. हितग्राही परिवार आवेदन की पावती ग्राम पंचायत सचिव से प्राप्त कर सकेगा. प्रत्येक ग्राम पंचायत में भुईंया रिकार्ड के आधार पर ग्रामवार बी-1 तथा खसरा की प्रतिलिपि चस्पा की जाएगी. जिससे भू-धारी परिवारों की पहचान स्पष्ट हो सके तथा भूमिहीन परिवारों को आवेदन भरने में सुविधा प्राप्त होगी.
पीएससी में चयनित छात्रों को किया सम्मानित
नगर पंचायत पिपरिया में कार्यक्रम के दौरान मंत्री अकबर ने साल 2019 के पीएससी परीक्षा में उत्तीर्ण छात्र जितेन्द्र कुंभकार एवं सोनू कुंभकार को शील्ड, मोमेन्टो देकर सम्मानित किया. इस दौरान मंत्री अकबर ने छात्रों को शुभकामना देते हुए कहा कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए कड़ी मेहनत के साथ दृढ़ आत्मविश्वास का होना भी बेहद जरूरी है. आत्मविश्वास होने से ही किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पीएससी करना कोई बड़ी बात नहीं है बशर्ते आप कड़ी मेहनत और लगन के साथ पढ़ाई पर अपना हंड्रेड परसेंट दें। उन्होंने आगे कहा कि असफल होने वाले स्टूडेंट को निराशा, हताश नहीं होना चाहिए. यह उनका आखिरी एग्जाम नहीं है नए ढंग एवं नए सिरे से तैयारी करके आने वाले एग्जाम पर फोकस करना चाहिए.
पौनी पसारी से जुडेगें स्थानीय परंपरागत व्यवसाय
मंत्री मोहम्मद अकबर अपने एक दिवसीय कबीरधाम प्रवास के दौरान बोड़ला नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 7 में दुर्गा मंच के पास सर्व समाज मांगलिक भवन लागत 73 लाख 44 हजार रूपए तथा वार्ड क्रमांक 5 के पौनी पसारी लागत 25 लाख 53 हजार रूपए का विधिवत पूजा-अर्चना कर भूमिपूजन किया. इस दौरान मंत्री अकबर ने योजना के क्रियान्वयन के लिए विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए और जल्द निर्माण कार्य प्रारंभ कर लोगों को योजनाओं का लाभ दिलाने कहा. इस अवसर पर क्रेडा अध्यक्ष कन्हैया अग्रवाल, निलंकठ चन्द्रवंशी कलीम खान, नगर पंचायत अध्यक्ष सावित्री साहू, पिताम्बर वर्मा, सहित अन्य गणमान्य नागरिक एवं जनप्रतिनिधि विशेष रूप से उपस्थित थे.
भूमिपूजन के अवसर पर मंत्री अकबर ने बताया कि बढ़ते हुए शहरीकरण तथा मशीनों के अंधाधुंध उपयोग के कारण पौनी पसारी से संबंधित अधिकांश व्यवसाय शहरो में लुप्त होते जा रहे है. उन्होनें बताया कि परंपरागत व्यवसायों तथा छत्तीसगढ़ की स्थानीय संस्कृति एवं परंपराओं को जीवन्त करने एवं इससे स्थानीय समाज तथा बेरोजगारों के लिए व्यवसाय के अवसरों का सृजन करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य प्रवर्तित पौनी पसारी योजना, नवीन परिवेश में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा प्रारंभ की गई है.
क्या है पौनी-पसारी योजना
साप्ताहिक बाजार एवं पौनी पसारी स्थानीय छत्तीसगढ़ी संस्कृति का अभिन्न अंग है. साप्ताहिक बाजारो के माध्यम से जहां एक ओर स्थानीय जनता अपने जीवन यापन के लिए आवश्यक सामान की खरीदी करते थे, वहीं पौनी पसारी के माध्यम से स्थानीय जन समुदाय की आवश्यकताओं तथा सेवाओं की पूर्ति भी सुनिश्चित की जाती थी जिसमें स्थानीय परंपरागत व्यवसायों जैसे लोहे से संबंधित कार्यो, मिट्टी के बर्तन, कपडे धुलाई, जुते चप्पल तैयार करना, लकड़ी से संबंधित कार्य, पशुओं के लिए चारा सब्जी भाजी उत्पादन, कपडो की बुनाई, सिलाई, कंबल, मूर्तियां बनाना, फूलो का व्यवसाय, पूजन सामाग्री, बांस का टोकना, सूपा, केशकर्तन, दोनो पत्तल, चटाई तैयार करना तथा आभूषण एवं सौंदर्य सामाग्री आदि का व्यवसाय ‘‘पौनी पसारी‘‘ व्यवसाय के रूप में जाना जाता रहा है. जिसमें परिवार के के मुखिया के साथ-साथ अन्य सदस्यों को भी रोजगार प्राप्त होता था.