रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से एक दिव्यांग शख्स ने गूगल के माध्यम से मोबाइल नंबर पता कर सीधे बात की और उसकी बात बन गई. यह प्रसंग जुड़ा है बिलासपुर जिले के मस्तूरी ब्लाक के ग्राम मुड़पार के रहने वाले 25 वर्षीय दिव्यांग रवि कश्यप से. मुख्यमंत्री से बात और अपनी मांग रखने का दो दिन का अरसा नहीं बीता था, कि उसे मुख्यमंत्री के हाथों चमचमाती ट्राईसाइकिल की सौगात मिल गई. मुख्यमंत्री ने दिव्यांग रवि कश्यप को बधाई और शुभकामनाएं भी दीं. दिव्यांग रवि ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संवेदनशीलता के लिए उनका आभार जताया.

बात छोटी सी है, लेकिन यह साबित करने के लिए काफी है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक राज्य के आम जनता की पहुंच कितनी सहज है. मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अज्ञात नंबर से कॉल आने पर भी उन्होंने न केवल फोन करने वाले की बात सुनी, बलिक उनकी समस्या का निराकरण भी तत्परता से कर दिया.

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दिव्यांग रवि कश्यप ने गूगल से मुख्यमंत्री का नंबर खोज कर उन्हें शनिवार को उन्हें सीधे फोन लगाकर बात की. दो दिन के भीतर ही कश्यप को मुख्यमंत्री ने ट्राईसाइकिल प्रदान कर दी. इस चमत्कार की उम्मीद छत्तीसगढ़ राज्य में ही की जा सकती है, जहां राज्य का मुखिया आम लोगों के लिए सहज उपलब्ध है. आज बिलासपुर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने सकरी हेलीपेड पर दिव्यांग कश्यप को ट्राईसाइकिल भेंट की.

कश्यप का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संवेदनशीलता के बारे में  सुना था. गूगल से उनका नंबर खोज कर नंबर की वैधता परखने के लिए मैंने उन्हें सीधे फोन कर दिया. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इत्मीनान से उनकी पूरी बात सुनी और ट्राईसिकल की उनकी मांग को पूरा करने के संबंध में आश्वस्त भी किया.

कश्यप बताते हैं कि यह मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता ही है, जिसके चलते उन्हें दो दिन के भीतर ही ट्राईसाइकिल मुख्यमंत्री ने स्वयं प्रदान कर दी है. वे कहते हैं कि छत्तीसगढ़ ही ऐसा राज्य है, जहां के मुखिया से कोई भी व्यक्ति सीधे अपनी बात रख सकता है. कश्यप ने बताया कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. पिता चुंगु राम कश्यप की आमदनी से ही छह सदस्यीय परिवार का गुजर-बसर होता है. इस दौरान संसदीय सचिव रश्मि सिंह, कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर भी मौजूद थे.

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