नई दिल्ली। वाणिज्य उत्सव 2021 में उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए दिल्ली सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि वाणिज्य उत्सव में दिल्ली में निर्यात की संभावनाओं और उत्पादन में सुधार लाने के विषय पर व्यापारी मंथन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली के व्यापारिक समुदाय को सभी आवश्यक सहायता सरकार प्रदान करेगी. सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में विश्व की सबसे स्किल्ड वर्क फोर्स है और इसने दुनिया को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद और सेवाएं देने में महत्वपूर्ण योगदान निभाया है.
दिल्ली में उद्योगों के विकास में सबसे बड़ी बाधा DDA
उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन ने DDA को दिल्ली में उद्योगों के विकास में सबसे बड़ी बाधा बताया. उन्होंने कहा कि अपने अनावश्यक नियमों से दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी राष्ट्रीय राजधानी में उद्योग-धंधे नहीं पनपने दे रही है.
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उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिल्ली में निर्यात के अवसरों और उत्पादन में सुधार लाने के विषय पर मंगलवार को व्यापारियों के साथ चर्चा की. इस अवसर पर उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में न तो अवसरों की कमी है और न ही जगह की कमी है. लोग दिल्ली में उद्योग-धंधे स्थापित करना चाहते हैं, लेकिन न तो डीडीए उन्हें जमीन देती है और न ही काम करने देती है. साथ ही व्यापार को बढ़ाने में सहयोग करने के बजाय उसमें रोड़ा अटकाती है. ये उद्योग-धंधों के विकास में एक बड़ी बाधा है.
देश का सिस्टम व्यापार को लेकर उदासीन- मनीष सिसोदिया
इधर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए व्यापार को लेकर सिस्टम में मौजूद खामियों को दूर करने के साथ-साथ लोगों में सकारात्मक सोच विकसित करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश का सिस्टम व्यापार को लेकर इतना उदासीन कि देश में बने कंप्यूटर को 5-6 साल तक टाइपराइटर के रूप में निर्यात करना पड़ा. मनीष सिसोदिया ने कहा कि सिस्टम में नवाचार को लेकर इतनी उदासीनता है कि देश में कंप्यूटर को कंप्यूटर के नाम पर निर्यात करने में में 5-6 साल लग गए. उससे पहले सिस्टम में कंप्यूटर को टाइपराइटर की श्रेणी में रखा जाता था.
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मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश में व्यापार को लेकर लोगों को अपनी सोच बदलने की ज़रूरत है. उन्होंने कहा कि 75 सालों में देश का एक्सपोर्ट 1.7 बिलियन डॉलर से बढ़कर 300 बिलियन डॉलर ही पहुंचा है. इसके पीछे हमारी मानसिकता और सिस्टम जिम्मेदार है और एक्सपोर्ट इतना बढ़ा, इसके लिए व्यापारियों को सलाम है. वर्ना सिस्टम की उदासीनता के साथ ये भी संभव नहीं था.
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उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 75वें साल में आयोजित वाणिज्य उत्सव में हमें ये सोचने की जरूरत है कि ऐसी क्या कमी रह गई, जिससे हम एक्सपोर्ट के मामले में अब तक 300 बिलियन डॉलर तक ही पहुंच पाए हैं और यदि व्यापार व एक्सपोर्ट को आगे बढ़ाकर लंदन, सिंगापुर के स्तर तक पहुंचाना है, तो उसके लिए भविष्य में हमारा एप्रोच क्या होगा.
99.99% बच्चे करना चाहते हैं नौकरी
मनीष सिसोदिया ने व्यापारियों को संबोधित करते हुए कहा कि देश में भविष्य में होने वाले एक्सपोर्ट को किसी डेटा के साथ नहीं समझा जा सकता. असल हकीकत इससे समझी जा सकती है कि आज आई.आई.टी, डीटीयू जैसे बड़े-बड़े संस्थानों या फिर स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों से जब ये पूछा जाता है कि आपमें से कितने लोग नौकरी करना चाहते हैं, तो 99.99% बच्चे एक स्वर में कहते हैं कि उन्हें नौकरी करनी है.
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2 दिवसीय वाणिज्य उत्सव का आयोजन
उल्लेखनीय है कि देश की आजादी के 75वें साल में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम की श्रृंखला में मंगलवार को दिल्ली सरकार का उद्योग विभाग, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के कोलैबोरेशन के साथ 2 दिवसीय वाणिज्य उत्सव का आयोजन कर रहा है.
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