रायपुर- कोरोना राहत क्या आपदा में अवसर ढूंढने वाला साबित हुआ है? दरअसल यह सवाल नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के उन आरोपों के साथ खड़े हो रहे हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि रैपिड एंटीजन टेस्ट किट की खरीदी में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया. कौशिक ने अपने आरोप में कहा है कि टेस्ट किट की खरीदी में करीब बीस करोड़ रूपए का भ्रष्टाचार किया गया.
दरअसल छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने रैपिड एंटीजन टेस्ट किट खरीदी से जुड़ा सवाल पूछा था. अब इसका जवाब सामने आया है. कौशिक ने बताया कि 22 जून 2020 में पहली बार टेस्ट किट की खऱीदी की गई थी, तब प्रति टेस्ट किट की दर 504 रूपए थी, लेकिन आज 18 रूपए प्रति किट की दर से खरीदी की जा रही है. यानी करीब 28 गुना कम कीमत पर. कौशिक ने कहा कि दरों के निर्धारण में कई बार बदलाव किए गए.
धरमलाल कौशिक ने कहा कि 27 फरवरी 2021 से लेकर 13 अप्रैल 2021 तक स्वास्थ्य महकमे ने रैपिड एंटीजन टेस्ट किट की खरीदी में 36 रूपए प्रति किट का भुगतान किया गया, लेकिन इसके बाद 19 अप्रैल 2021 को दस लाख टेस्ट किट की खरीदी के ऐवज में प्रति नग 89 रूपए का भुगतान किया गया, जबकि 13 मई 2021 को 12 लाख टेस्ट किट के लिए 78 रूपए की दर और 5 जुलाई 2021 को हुई 11 लाख टेस्ट किट की खरीदी आदेश में प्रति नगर 63 रूपए का भुगतान किया गया. नेता प्रतिपक्ष ने अपने आरोप में कहा है कि 36 रूपए की दर से लगभग पांच करोड़ रूपए की खरीदी की गई. वहीं 89 रुपए, 78 और 63 की दर से 25 करोड़ रुपए की किट ख़रीदी की गई. नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने इस पूरे खरीदी की प्रक्रिया को सवालों के घेरे में रखते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने अपने आरोप में यह भी कहा है कि एक ही कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए टेंडर शर्तों में बदलाव किए गए.