लखनऊ। भाजपा सरकार के तीसरे मंत्रिमंडल विस्तार में हर तबके को प्रतिनिधित्व दिया गया है, साथ ही सामाजिक संतुलन का भी ध्यान रखा गया है. यही नहीं मंत्रिमंडल विस्तार में सरकार ने सोशल इंजीनियरिंग के साथ क्षेत्रीय समीकरण का भी खासा ध्यान रखा है. चुनाव के ठीक पहले भाजपा के इस गुगली से विपक्षी दलों की मुश्किलें बढ़ गई है.
मंत्रिमंडल के सामाजिक समीकरण को अगर देखें, तो एक सवर्ण जाति से ब्राह्मण, तीन ओबीसी, दो अनुसूचित जाति और एक अनुसूचित जनजाति के नेताओं को मंत्री बनाया गया है. प्रदेश की राजनीति में पहली बार भुर्जी समुदाय के नेता को एमएलसी भी बनाया गया है. इससे संभावना से इन जातियों में भाजपा की पकड़ मजबूत होगी, और सामाजिक संतुलन सधने से 2022 में जीत की राह भी प्रशस्त होगी.
उत्तर प्रदेश में एक तरफ मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया है, वहीं दूसरी ओर पार्टी की ओर से एमएलसी के लिए शाहजहांपुर के जितिन प्रसाद, शामली के चौधरी वीरेंद्र सिंह गुर्जर, गोरखपुर के निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद और मुरादाबाद के गोपाल अंजान भुर्जी के नाम पर मुहर लगा दी गई है.
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