राजिम। राजिम में आज महापंचायत का आगाज हो चुका है. महापंचायत कृषि उपज मंडी में आयोजित है. जिसमें किसान नेता और किसानों के पहुंचने का तांता लग चुका है. महापंचायत के मंच पर किसान नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, मेधा पाटकर, डॉ. सुनीलम, सत्यवान, आनंद मिश्रा, तेजराम विद्रोही, जुगनू चंद्राकर, गौतम बंधोपाध्याय, पारसनाथ साहू, रूपन चंद्राकर सहित बड़ी संख्या में शामिल है. महापंचायत के मंच पर लोक संस्कृति की झलक देखने को मिली. महापंचायत के मंच पर पहुंचते ही किसान नेताओं का भव्य स्वागत किया गया. वहीं किसान नेताओं के साथ सेल्फी लेने के लिए लोगों होड़ मच चुकी है.
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किसान महापंचायत राजिम मंच से मेधा पाटकर ने शहीद शंकर गुहा नियोगी जिंदाबाद नारे के साथ भाषण शुरुआत की और उन्होने अपने भाषण में मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि देश भर के किसान मोदी सरकार के काले कानून के खिलाफ हैं.
जल-जंगल-जमीन हमारी है. छत्तीसगढ़िया लोगों की जमीन कोई नहीं छीन सकता. पूंजीपतियों के हाथों देश की सार्वजनिक संपदा को बेचने का काम मोदी सरकार कर रही है.
भूपेश सरकार की मेधा पाटकर ने की तारीफ़
महापंचायत के मंच से मेधा पाटकर ने भूपेश सरकार की तारीफ की, उन्होने कहा कि भूपेश सरकार ने 25सौ रूपए में धान खरीदी है. बघेल सरकार से आह्वान है कि केंद्र सरकार के कानून को संसोधन नहीं करिए, राज्य का अपना कानून लाइये.
महापंचायत के मंच पर कांग्रेस के नेता छत्तीसगढ़ कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा पहुँचे. इसी बीच कांग्रेस नेता द्वारिका साहू भी मौजूद रहे. महापंचायत को मंच से किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि मोदी जी को नींद नहीं आ रही है. मोदी जी टीवी पर देखते होंगे तो सोचते होंगे कि ये सब किसान आंदोलन जीवी हैं.
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मंच से किसान नेता ने शहीद भगत सिंह और शंकर गुहा नियोगी को याद किया. और कहा कि जब मैं युवा था तो शंकर गुहा नियोगी के किस्से सुनता था. मजदूरों के सबसे बड़े नेता थे शंकर गुहा नियोगी. मैं इस मंच से उनको नमन करता हूँ.
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए सरकारी और दरबारी लोग कहते किसान आंदोलन सिर्फ हरियाणा-पंजाब का आंदोलन है. आज वो देख ले कि ये आंदोलन छत्तीसगढ़ से भी हो रहा है. भारत बंद ने उन लोगों की बोलती बंद कर दी. राजिम की महापंचायत पूरे देश को संदेश दे रही है.
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राकेश टिकैत ने मोदी पर साधा निशाना
राकेश टिकैत ने महापंचायत के मंच से कहा कि ये आंदोलन, क्रांति का आगाज है. गाँव से निकलकर हमें शहरों की ओर बढ़ना होगा. भारत सरकार जब तक कानून वापस नहीं लेगी, तब तक किसान पीछे हटने वाले नहीं है. टिकैत का कहना है कि मोदी सरकार के तीन काले कानून को रद्द करना होगा. मोदी सरकार कहती है एमएसपी रही है, रही थी और रहेगी. हम भी कहते हैं कि सरकार नहीं है, नहीं थी और नहीं रहेगी.
टिकैत ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ के सभी तरह के किसानों को भी एमएसपी मिले. गौ पलकों को, सब्जी किसानों को, धान या अरहर से अलग जो भी किसान है उन्हें भी उनके उत्पादों को समर्थन मूल्य मिले. राकेश टिकैत ने देश के युवाओं से युवा को आगे आने के लिए कहा. युवाओं को सोशल मीडिया के जरिए जन-जन तक आंदोलन को पहुँचाना होगा. ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब के जरिए आंदोलन को आगे बढ़ाना होगा.
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