कपिल मिश्रा, शिवपुरी। मध्यप्रदेश के शिवपुरी सहकारी बैंक में गड़बड़ी करने के मामले में बैंक के चार मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) समेत14 कर्मचारियों को आज निलंबित कर दिया गया है. जांच प्रतिवेदन के आधार पर इन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है.
सहकारी बैंक शिवपुरी में पूर्व में पदस्थ्य रहे मुख्य कार्यपालन अधिकारी एएस कुशवाह, डीके सागर, वायके सिंह और वर्तमान में पदस्थ्य लता कृष्णन को निलंबित किया गया है. घोटाला उजागर होते ही पूर्व में ही कोलारस शाखा के कैशियर घोटाले के मास्टर माइंड राकेश पराशर, दो प्रबंधक सहित 3 पर हो चुकी है. एफआइआर दर्ज होने के बाद फरारी के चलते तीनों पर दो-दो हजार का इनाम भी घोषित है.
सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ने कहा कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शिवपुरी में गबन और घोटाला करने की गड़बड़ी का मामला सामने आने पर 13 सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर गड़बड़ी के हर पहलू और उससे जुड़े प्रत्येक अधिकारी-कर्मचारी की भूमिका की जांच के आदेश दिए थे.
डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ने बताया कि बैंक में गबन और गड़बड़ी के मामले में शिवपुरी के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में समय-समय पर पदस्थ रहे 4 मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, शिवपुरी बैंक के प्रबंधक, लेखापाल और लिपिक संवर्ग के कुल 10 कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई.
बता दें कि कोलारस जिला सहकारी बैंक 80 करोड़ के गबन का मामला सामने आया है. आरोप है कि बैंक में काम करने वालै कैशियर ने अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर इसे अंजाम दिया. लेकिन जब गबन का खुलासा हुआ, तो कैशियर अपने परिवार के साथ फरार हो गया.
कोलारस जिला सहकारी बैंक में 2013 में कर्मचारियों की कमी का हवाला देते हुए भृत्य राकेश पाराशर को कैशियर बनाया गया था. 2013 से 2021 तक वह इस पद पर गबन करता रहा. आरोप है कि राकेश ने इस घोटाले में अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों को भी शामिल कर लिया. लेकिन अब वह परिवार के साथ फरार हो गया.