सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। हाईकोर्ट के आदेश का रायपुर निगम उल्लंघन कर रहा है. कर्मचारी भवन के लिए अलाट ज़मीन पर कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनाया दिया गया है. वहीं दूसरी ओर सड़क चौड़ीकरण के नाम पर तोड़े गए भवन का मुआवजा भी नहीं दिया गया है. इस मामले में हाईकोर्ट के डबल बैंच के फैसले के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इस पर अब कर्मचारी संघ कोर्ट ऑफ़ कंटेम्प्ट लगाने की तैयारी में है.

तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय झा ने बताया कि चौड़ीकरण के नाम पर कर्मचारी भवन को तोड़ दिया गया है. आठ साल बीत जाने के बाद भी मुआवज़ा राशि या उसके बदले में ज़मीन उपलब्ध नहीं कराया गया है. इसको लेकर लगातार निगम को ज्ञापन सौंपा गया है, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई है. उपेक्षा के शिकार होने के बाद हाईकोर्ट की शरण में गए में हाईकोर्ट के डबल बैंच ने आदेश दिया है कि जैसे सभी को मुआवज़ा राशि दी गई है. उसी आधार पर कर्मचारी भवन के लिए भी दिया जाए. लेकिन कई सालों बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

अध्यक्ष कहते हैं कि हैरानी की बात यह है कि हाई कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है अब तक मुआवज़ा राशि दी गई है ना ही ज़मीन आवंटित हुआ है. ऐसी स्थिति में निगम प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच बैठक हुई है. उस दौरान धरना स्थल के पीछे जहाँ वर्तमान में कचरा ट्रांसफर यार्ड बनाया गया है, उस ज़मीन को कर्मचारी भवन देने के लिए मौखिक तौर पर निगम के द्वारा कहा गया था. फ़ाइल आगे बढ़ायी गई थी, लेकिन वर्तमान समय उसकी फ़ाइल कोई दिखाने के लिए तैयार नहीं है. निगम के द्वारा निर्धारितज़मीन में कचरा डंप यार्ड बना दिया गया है.

कई बार ज्ञापन सौंपने के बाद कई बार चर्चा के बाद अब स्थिति यह है कि कोई फ़ाइल देखें दिखाने को भी तैयार नहीं है, इसलिए अब अब फिर कोर्ट की शरण में जाएंगे और निगम के ख़िलाफ़ कोर्ट के अवमानना लगाएंगे इसकी तैयारी की जा रही है.