रायपुर। भले ही अभी चुनावी मौसम दूर हो, लेकिन गुटबाज़ी के लिए सुर्खियों में रहने वाले न्यायधानी बिलासपुर में भाजपा और कांग्रेस के नेताओं का प्रवास कई तरह की चर्चाओं को गरम कर जाता है. विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत शुक्रवार को बिलासपुर के दौरे पर थे. इसी बीच महंत ने एक बयान दिया है. उन्होंने कहा कि न काहू से दोस्ती न काहू से बैर.
राजनीतिक गलियारों में कई तरह के मायने निकाले जा रहे हैं. चुनावी मौसम भले ही अभी दूर हो, लेकिन न्यायधानी कहलाने वाले बिलासपुर में किसी दिग्गज नेता का पहुंच जाना चुनावी मौसम की बयार को यूं ही महसूस करा ही देता है. अपने निजी प्रवास पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत बिलासपुर पहुंचे.
इस दौरान कई गुटों में बंटी कांग्रेस के अलग-अलग गुटों के नेता महंत की चरण वंदना करते हुए दिखाई दिए. निजी दौरे पर कांग्रेस नेता अशोक अग्रवाल के घर पहुंचे. महंत के दौरे को लेकर कई तरह के कयासों का राजनीतिक बवंडर उठने लगा है. इस दौरान मीडिया ने सवाल किया कि प्रदेश की में राजनीति में चर्चाओं की बाजर गरम है. इसे लेकर आपका क्या कहना है. इसी पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि था कि न काहू से दोस्ती न काहू से बैर, लेकिन राजनीतिक चर्चा के लिए एक मुद्दा छोड़ गए.
हालांकि महंत ने बिलासपुर प्रवास को भले ही निजी बताया हो, लेकिन जिस संख्या में कांग्रेस के लोग वहा पर पहुंचे थे. उसके कई तरह के मायने निकाले जा रहे हैं. मीडिया ने जब उनसे बिलासपुर प्रवास की वजह जानने की कोशिश की, तो उन्होंने कहा कि उनके बचपन के साथी यहां पर रहते हैं. इसलिए वे जब तब अपने मित्रों से मिलने आ जाते हैं.
इसके बाद उन्होंने अपनी बात को कुछ इस अंदाज में विराम दिया. कबीरा खड़ा बाजार में मांगे सबकी खैर. न काहू से दोस्ती न काहू से बैर. अपने को करीबी बताने की होड़ में अधिकतर लोग लगे रहे.
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