वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। हाईकोर्ट में आज स्कूल शिक्षा प्रमुख सचिव की संविदा नियुक्ति के महत्वपूर्ण मामले में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला की संविदा नियुक्ति के खिलाफ दायर जनहित याचिका को सुनवाई योग्य पाया है. इस संदर्भ में शासन और आलोक शुक्ला की ओर से की गई आपत्ति को कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
याचिकाकर्ता रुस्तम भाटी द्वारा एक जनहित याचिका प्रस्तुत की गई थी. आलोक शुक्ला के वकीलों ने याचिका पर आपत्ति की थी कि उपरोक्त याचिका जनहित याचिका के रूप में चलने योग्य नहीं है. सोमवार को हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ़ जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस नरेश कुमार चंद्रवंशी की युगलपीठ ने इस मामले निर्णय सुनाया कि राज्य शासन और आलोक शुक्ला की आपत्ति स्वीकार नहीं है. उपरोक्त मामला जनहित याचिका के रूप में चलने योग्य है.
इस मामले की अगली सुनवाई कोर्ट ने 15 नवंबर को तय की गई है. याचिकाकर्ता के वकीलों ने कोर्ट के समक्ष आलोक शुक्ला की योग्यता, उपयुक्तता और अहर्ता पर सवाल खड़े किए. वकीलों ने यह भी बताया कि आलोक शुक्ला बहुचर्चित नान घोटाले के आरोपी हैं. ऐसे व्यक्ति को राज्य सरकार द्वारा प्रमुख सचिव के पद पर बिठाया जाना संविदा नियुक्ति में निहित प्रावधानों के विपरीत है.
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