दिल्ली-NCR न्यूज। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर 89वां एयरफोर्स डे मनाया जा रहा है, साथ ही वायुसेना देश की आजादी की 75वीं सालगिरह भी मना रही है. वायुसेना के जाबांज सैनिकों ने आकाश में अपना शौर्य दिखाया. रफाल, मिग और अपाचे ने शक्ति-प्रदर्शन किया. जनरल विपिन रावत, नौसेना प्रमुख कर्मबीर सिंह और थल सेना अध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे ने परेड को सलामी दी. इस बार भारतीय वायुसेना ने अपना थीम ‘आत्मनिर्भर और सक्षम’ रखा है.
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कार्यक्रम में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने कहा कि जब मैं सुरक्षा परिदृश्य को देखता हूं, जिसका आज हम सामना कर रहे हैं, तो मैं पूरी तरह से सचेत हूं कि मैंने महत्वपूर्ण समय पर कमान संभाली है. हमें राष्ट्र को बताना चाहिए कि बाहरी ताकतों को हमारे क्षेत्र का उल्लंघन नहीं करने दिया जाएगा.
दुनिया का सबसे बड़ा तिरंगा लहराया
स्थापना दिवस पर हिंडन एयरबेस में दुनिया का सबसे बड़ा तिरंगा फहराया गया है. खादी से बने इस तिरंगे की लंबाई 225 फुट और चौड़ाई 150 फुट है. इसका वजन करीब एक हजार किलो है. अभी 2 अक्तूबर 2021 को केंद्र शासित राज्य लेह में ठीक इतने ही लंबे-चौड़े और वजनी तिरंगे का उपराज्यपाल आरके माथुर ने अनावरण किया था. इसे 57 इंजीनियर रेजीमेंट कोर ने तैयार किया था. हिंडन एयरबेस पर इस बार यह तिरंगा आकर्षण का केंद्र बना है.
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जानिए वायुसेना दिवस के बारे में खास बातें-
1. 8 अक्टूबर 1932 को वायुसेना की स्थापना की गई थी, उस समय से हर साल हम इस दिन को एयर फोर्स डे के रूप में मनाते हैं. आजादी से पहले वायुसेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स कहा जाता था, लेकिन आजादी के बाद वायुसेना के नाम से “रॉयल” शब्द को हटाकर सिर्फ “इंडियन एयरफोर्स” कर दिया गया.
2. 1 अप्रैल 1933 को पहला दस्ता बनाया गया था, जिसमें 6 आएएफ ट्रेंड ऑफिसर और 19 जवान शामिल थे.
3. आजादी से पहले एयरफोर्स आर्मी के तहत ही काम करती थी. एयर फोर्स को आर्मी से अलग करने का श्रेय भारतीय वायु सेना के पहले कमांडर इन चीफ एयर मार्शल सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को जाता है. आजादी के बाद सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को भारतीय वायु सेना का पहला चीफ एयर मार्शल बनाया गया था. वे 15 अगस्त 1947 से 22 फरवरी 1950 तक इस पद पर बने रहे थे.
4. वायुसेना का झंडा नीले रंग का है, जिसके शुरुआती एक चौथाई भाग में राष्ट्रीय ध्वज बना है और बीच के हिस्से में राष्ट्रीय ध्वज के तीनों रंगों केसरिया, श्वेत और हरे रंग से बना एक वृत्त (गोलाकार आकृति) है. यह ध्वज 1951 में अपनाया गया.
5. भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है- ‘नभ: स्पृशं दीप्तम’ है. इसे गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है.
आज के समारोह की खास बातें-
- 57 इंजीनियर रेजिमेंट कोर द्वारा तैयार 225 फुट लंबा और 150 फुट चौड़ा तिरंगा प्रदर्शित किया गया. इसका वजन करीब एक हजार किलो है.
- 1971 में पाकिस्तान से युद्ध में भारतीय वायुसेना के जिस विमान ‘अजित जीनेट’ ने दुश्मनों के छक्के छुड़ाए थे, वह विमान आज हिंडन पर एयर डिस्प्ले में पहली बार रखा गया.
- देश की आजादी को 75 साल और पाकिस्तान से युद्ध जीते 50 साल पूरे हो गए हैं. स्थापना दिवस पर इस अमृत महोत्सव की झलकियां दिखाई दीं.
- एयर चीफ मार्शल विवेकराम चौधरी जब कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, तो उन्हें तीन हेलिकॉप्टर ने गड़गड़ाहट करते हुए झंडे के साथ एयर सलामी दी.
- चार स्क्वॉड्रन में 233 वायु योद्धाओं ने इस परेड में हिस्सा लिया. ग्रुप कैप्टन अतुल पठानिया इस पूरी परेड की अगुवाई की.
- राफेल, तेजस, मिग, चिनूक समेत कुल 75 एयरक्राफ्ट ने आसमान में हैरतअंगेज करतब दिखाए. ध्रुव और चिनूक हेलिकॉप्टर का प्रदर्शन शानदार रहा.
- आकाश गंगा दल की टीम 8 हजार फुट ऊंचाई से पैराशूट लेकर छलांग लगाई. इस टीम ने आसमान में तीन रंगों के पैराशूट को एक फॉर्मेशन में आकर तिरंगा की प्रस्तुति दी.
- वायुसेना स्थापना दिवस की थीम आत्मनिर्भर और सक्षम है. यह प्रदर्शित करती है कि भारत सबसे मजबूत है और किसी के भरोसे नहीं है.
- एयरबेस पर 6500 फीट की ऊंचाई से डकोटा विमान से आकाशगंगा की टीम ने उड़ान भरी. आकाशगंगा ने 1971 की जंग में में भी भारतीय थल सेना के पैराजम्पर्स दल ने डकोटा विमान से ही जंप किया था.
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तीनों सेना प्रमुख मौजूद
इस समारोह में तीनों सेना प्रमुख मौजूद हैं. कार्यक्रम को लेकर एयरबेस के आसपास सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चाक-चौबंद है. कोविड के चलते बेहद कम लोगों को इस कार्यक्रम में एयर शो देखने की अनुमति दी गई है. 13 एयरक्राफ्ट डिस्प्ले में रखे गए हैं. आसमान में एक-एक करके 75 एयरक्राफ्ट विभिन्न करतब दिखा रहे हैं.
तेजस-राफेल की गड़गड़ाहट से गूंजा आसमान
लड़ाकू विमान तेजस 600 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से आसमान से एक साथ नीचे आया और परेड ग्राउंड के ठीक ऊपर 200 किलोमीटर की रफ्तार से आगे बढ़ता गया. स्वदेशी तेजस, हरक्यूलिस, सी-17 ग्लोबमास्टर, मिराज-2000, जगुआर, सुखोई-30, अपाचे हेलिकॉप्टर, चिनूक हेलिकॉप्टर, मिग-29, ध्रुव हेलिकॉप्टर ने भी आसमान में करतब दिखाए.
भारत-पाक युद्ध के 50 साल पूरे, जीनेट विमान का प्रदर्शन
भारत-पाकिस्तान युद्ध की विजय को 50 साल पूरे हो गए हैं. भारतीय वायुसेना न इस खास मौके पर उस विमान ‘अजित जीनेट’ को प्रदर्शित किया है, जिसने 1971 के युद्ध में दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे. यह विमान यूके निर्मित है. 1971 के युद्ध में भारत के इस विमान ने पाकिस्तान के फाइटर प्लेन खदेड़ दिए थे. दो विमानों को नष्ट कर दिया था.
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